निगम के पांचों वार्डों के उपचुनाव में जोर आजमाइश शुरू हो गई है। इसे अगले साल होने वाले निगम चुनाव के पूर्वाभ्यास की तरह देखा जा रहा है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अपने-अपने उम्मीदवारों को उतारकर 15 सालों से निगम में सत्तारूढ़ भाजपा को एक प्रकार से चुनौती दी है।

निगम में पहले कांग्रेस और अब आम आदमी पार्टी विपक्ष में बैठी हुई है। चुनाव में आम आदमी पार्टी अपनी सीट को बचाने के साथ ही भाजपा के पार्षद सीट को भी कब्जा कर यह साबित करने की कोशिश में लगी हुई है कि अगले चुनाव में वे दिल्ली सरकार की तरह निगम में भी सत्तारूढ़ होने के कगार पर बैठी हुई है, जबकि कांग्रेस खोई हुई प्रतिष्ठा बचाने के लिए चुनाव में जी तोड़ मेहनत कर रही है। कांग्रेस को लगता है कि अगर इन पांचों वार्ड में एक-दो सीट पर भी उसकी जीत हुई या बढ़त हुई तो खुद को निगम में विपक्ष की श्रेणी में लाने के दावेदार बन सकती है।

भारतीय जनता पार्टी सीटों पर बढ़त बनाना चाहते हैं। अब 28 फरवरी को तय होगा कि इन पांचों सीटों पर दिल्ली की जनता किसे अपना जनप्रतिनिधि चुनती है।

जिन पांच वॉर्डों में उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें 80 साल या इससे अधिक उम्र के करीब 2360 मतदाता हैं। पॉश वॉर्डों में ऐसे मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक हैं। जिन वॉर्डों में अवैध कॉलोनियां या झुग्गी बस्तियां हैं, ऐसे वार्डों में बुजुर्ग मतदाताओं की संख्या कम है। उत्तरी निगम के शालीमार बाग (वॉर्ड- 62) में मतदाताओं की संख्या 791 हैं।

इसमें से बुजुर्ग महिला मतदाओं की संख्या 367 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 424 है। पांचों वार्डों में पूर्वी निगम के कल्याणपुरी वॉर्ड (8ई) में बुजुर्ग मतदाताओं की संख्या सबसे कम है। यहां 80 साल या इससे अधिक उम्र के सिर्फ 327 मतदाता ही हैं।

बता दें कि 28 फरवरी को उत्तरी निगम के शालीमार बाग, रोहिणी, पूर्वी निगम के चौहान बांगर, कल्याणपुरी और त्रिलोकपुरी में उपचुनाव हो रहे हैं। उपचुनाव में 13 फरवरी को नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख रही। नाम वापस लेने के बाद मैदान में जितने प्रत्याशी बचेंगे, वहीं अंतिम रूप से उपचुनाव में होंगे। इसके लिए घमासान शुरू हो गया है। 28 फरवरी को मतदान होगा।