Sanatani Bulldozer: गुजरात के राजकोट में एक ऐसी धार्मिक रथ यात्रा निकाली गई, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। मामला राजकोट के नाना मावा इलाके का है। यहां के जगन्नाथ मंदिर से मंगलवार को एक रथ यात्रा निकाली गई। जिसकी अगुवाई बुलडोजर ने की। बुलडोजर की लोडिंग बकेट पर ‘सनातनी बुलडोजर’ लिखे बैनर लगे हुए थे।
कार्यक्रम के आयोजकों ने कहा कि बुलडोजर को “सनातन धर्म की रक्षा के लिए” धार्मिक रथ में शामिल किया गया था। शहर के पॉश नाना मावा रोड स्थित मंदिर से सुबह साढ़े नौ बजे यात्रा शुरू होने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मंदिर में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की।
मंदिर के मुख्य पुजारी ने जानिए क्या कहा-
धार्मिक जुलूस में भगवान जगन्नाथ या भगवान कृष्ण, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियों को रथों में रखा जाता है और शहर के चारों ओर घुमाया जाता है। यह रथ यात्रा 26 किलोमीटर तक राजकोट की मुख्य सड़कों से होकर गुजरेगी और शाम को जगन्नाथ मंदिर पर आकर समाप्त होगी।
रथ यात्रा शुरू होने के बाद राजकोट में जगन्नाथ मंदिर के प्रधान पुजारी मनमोहनदास ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘इस विशेष रथ यात्रा में सनातनी बुलडोजर चलता है। बुलडोजर का महत्व और उद्देश्य सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार करना है।’
यूपी-एमपी समेत कई राज्यों बुलडोजर का प्रयोग किया गया
बता दें, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार द्वारा 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ बुलडोजर से कार्रवाई की थी। इस दौरान सरकार ने कई घरों को बुलडोजर से गिरवा दिया था। जिसके बाद बुलडोजर चर्चा का विषय बन गया था।
पिछले साल कच्छ में 400 इमारतों को बुलडोजर से गिरा दिया गया था
मध्य प्रदेश सहित कुछ अन्य भाजपा शासित राज्यों ने आपराधिक मामलों में दर्ज लोगों के घरों को तोड़ने में उत्तर प्रदेश की नकल की है। गुजरात सरकार ने हाल ही में देवभूमि द्वारका में बेट द्वारका द्वीप और गांधीवी मछली पकड़ने के बंदरगाह में अल्पसंख्यक समुदायों के सैकड़ों घरों और अन्य इमारतों को तोड़ दिया था। पिछले साल कच्छ जिले के जखाऊ बंदरगाह में 400 से अधिक इमारतों, जिनमें से कुछ अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित थीं। उनको ढहा दिया गया था।