केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ी साफगोई के साथ कहा है कि वे लोग साधु-संत नहीं बल्कि राजनीतिज्ञ हैं। हर राजनेता अपने अगले चुनाव के बारे में सोचता है। अगर कोई पार्टी ने आगामी चुनाव और अपने काम के बारे में भविष्य की तरफ देखते हुए कुछ किया है, तब इसमें गलत क्या है? लोकतंत्र में ऐसा सभी करते हैं।
उन्होंने मंगलवार को हिंदी न्यूज चैनल Aaj Tak से खास बातचीत के दौरान कहीं। साथ ही यह बताया, “नकारात्मक स्थिति और मौजूदा हालात में सिर्फ रोने से काम नहीं चलेगा।” दरअसल, एंकर रोहित सरदाना से बजट को लेकर वह कह रहे थे- समस्याएं थीं, पर इसमें यह बजट शक्ति देगा। हमारा भारत अब आत्मनिर्भर भारत की ओर जाएगा और बजट ने वह दिशा भी दी है।
रिकॉर्ड तो आपका अच्छा है, इसलिए सरकार को लगता है कि बंगाल में सत्ता की कुर्सी तक सड़क बना पाएंगे…उसे भी इस बजट में डाल दिया गया? इस सवाल पर मंत्री ने बताया, “हम पूरे देश में काम कर रहे हैं। केवल केरल और बंगाल में नहीं। आप पूछिए कि ऐसा कोई राज्य न होगा, जहां काम के साथ भेदभाव हुआ हो। ये केवल चुनाव के लिए नहीं है। वित्त मंत्री केवल तीन चार राज्यों की बात बता चुकी हैं, क्योंकि उतना बजट में जगह नहीं होती है। पर अन्याय किसी के साथ नहीं कर रहे।”
हालांकि, एंकर ने फिर पूछा- तो जगह केवल उन्हीं को दी जाती है, जहां चुनाव होता है…ये तो सोच-समझकर तय किया जाता होगा या फिर ये अनजाने में हो जाता है? गडकरी यह सवाल सुनते ही मुस्कुराए। कहा- देखिए, मैं स्पष्टता से कहता हूं कि हम राजनीतिक पार्टी हैं, कोई साधु-संत थोड़े न हैं। देखें, उन्होंने आगे क्या कहाः
‘बजट के जरिए वोट की ‘गंदी राजनीति’ कर रहा है केंद्र’: शिवसेना ने मंगलवार को दावा किया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में उन कुछ राज्यों के लिए बड़े पैकेज की घोषणा की है जहां आगामी कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। उसने पूछा कि क्या बजट का इस्तेमाल चुनाव जीतने के हथियार के रूप में करना सही है।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है कि उन राज्यों को अधिक धन आवंटित करना ‘घूस’ देने के समान है जहां आगामी कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उसने केंद्र पर बजट के जरिए वोट की ‘‘गंदी राजनीति’ करने का नया चलन शुरू करने का आरोप लगाया। संपादकीय के अनुसार पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु और केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए वित्तमंत्री ने उन राज्यों को बड़े पैकेज और परियोजनाएं का आवंटन किया।