शनिवार को बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर मायावती ने आगामी उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंका। कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मायावती ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर छोटे दलों पर सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इनसे सावधान रहने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने चुनाव पूर्व होने वाले सर्वे और ओपिनियन पोल पर रोक लगाने की भी मांग की।
बसपा के संस्थापक कांशीराम के 15वें परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि जनता उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का मन बना चुकी है। प्रदेश में कुछ ऐसी भी छोटी-छोटी पार्टियां व दल हैं जो अकेले या गठबंधन कर चुनाव लड़ सकते हैं। इनका मकसद चुनाव जीतना नहीं बल्कि अपने स्वार्थ के लिए पर्दे के पीछे से खासकर सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाना होता है। यह छोटी पार्टियां उन्हीं के हिसाब से अपने प्रत्याशी खड़े करती हैं। इसलिए ऐसे पार्टियों और दलों से सावधान रहने की जरूरत है।
इसके अलावा उन्होंने चुनाव से पहले होने वाले ओपिनियन पोल और सर्वे पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि जल्द ही वे निर्वाचन आयोग को चिट्ठी लिखेंगी कि चुनाव के छह महीने पहले से मतदान तक सभी एजेंसियों के सर्वेक्षणों पर रोक लगाया जाए ताकि इससे चुनाव प्रभावित न हो सके। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुए सर्वेक्षणों में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को काफी पीछे बताया जा रहा था लेकिन जब परिणाम आया तो वह ठीक उल्टा था। जो सत्ता के सपने देख रहे थे उनका सपना चकनाचूर हो गया और ममता बनर्जी भारी बहुमत से पुन: वापस आ गयी । इसलिये आप लोगों को बहकावे में नहीं आना हैं।
इस दौरान मायावती ने सपा, भाजपा सहित सभी विरोधी दलों पर निशाना भी साधा। मायावती ने कहा कि भाजपा, सपा, कांग्रेस, आप वोट के लिए जनता से वादे कर रही हैं जो हवा हवाई है। उनमें रत्तीभर भी दम नहीं है। विरोधी पार्टियां चुनावी घोषणापत्रों में प्रलोभन भरे चुनावी वादे करने वाली हैं। हमारी सरकार बनने पर इस बार सबसे ज्यादा जोर यहां के गरीब और बेरोजगार नौजवानों को रोटी रोजी के साधन उपलब्ध कराने पर होगा। इसबार यही हमारी पार्टी का मुख्य चुनावी मुद्दा भी होगा। केंद्र और राज्य की जो भी योजनाएं चल रही हैं उन्हें बदले की भावना से रोका नहीं जाएगा। (भाषा इनपुट्स के साथ)