बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अगले साल होने वाले लोकसभा चुनान की तैयारियों में लग गई हैं। महागठबंधन से इतर मायावती महाराष्ट्र की रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया सहित तीन दलों से हाथ मिलाकर चुनाव में उतरना चाहती हैं। दोनों ही पार्टियों की तरफ से गठबंधन करने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया गया। इससे पहले देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ जाने से इनकार कर दिया था।

बसपा सुप्रीमो और रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के मुखिया राजेंद्र गवई को उम्मीद है कि प्रकाश अंबेडकर की भारिप बहुजन महासंघ और असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी का महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर गठबंधन हो जाएगा। शनिवार को आरपीआई के चीफ गवई ने बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश सखारे और बसपा के महाराष्ट्र प्रभारी से मुलाकात की। गवई जल्द ही लखनऊ में मायावती से मुलाकात कर सकते हैं। यह मुलाकात काफी अहम होगी। मुलाकात के दौरान सीट बंटवारे और गठबंधन पर बात होगी।

बसपा नेताओं से मुलाकात के बाद गवई ने बताया, बीएसपी और आरपीआई गठंधन की संभावनाओं की तलाश में हैं। हमारी शुरुआती स्तर पर बात हुई है। मैंने 10 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा है। अब इसे पार्टी प्रमुख मायावती के सामने रखा जाएगा।

हालांकि, गवई ने यह भी कहा कि विकल्प खुले हुए हैं और वह सिर्फ बसपा के साथ ही बात नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, इसका मतलब यह नही कि हम कांग्रेस और एनसीपी के साथ नहीं कर रहे। हमने सारे विकल्प खुले रखे हुए हैं।

वहीं दूसरी ओर बसपा के नेता सखारे ने गवई से किसी भी मुलाकात से इनकार कर दिया। कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन के सवाल पर सखारे ने कहा, मैं सिर्फ कार्यकर्ता हूं। इस बारे में फैसला मायावती को लेना है।

दोनों ही पार्टियां दलित वोटर को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रही हैं। खासकर विद‌र्भ क्षेत्र में। राज्य की 10 लोकसभा सीट के 11 जिलों में मायावती का कोर बैंक है। 2014 में, बीएसपी ने चार निर्वाचन क्षेत्रों में 9 0,000 से अधिक मतों का चुनाव किया था, जबकि चार सीटों पर उन्होंने लगभग 50,000 मतों का चुनाव किया था। वहीं गवई की अमरावती में भी महत्वपूर्ण उपस्थिति है। 200 9 में उनके पास 2.52 लाख वोट थे। लेकिन 2014 में, वह केवल 56,000 मतों का चुनाव कर सकते थे।