केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा है कि सरकार को किसानों पर ध्यान देना चाहिए। अगर किसान भी फिर कुछ न कुछ कर देगा, गड़बड़ होगी…तब जिम्मेदारी फिर सरकार की हो जाएगी।

पत्रकार अजीत अंजुम के साथ बात करते हुए नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों को किस नजर से देख रही है? किसान लगातार अपमानों को सह रहे हैं। इस देश को चलाने की जिम्मेदारी हमारी है। लेकिन सरकार इन हथकंडों को छोड़ दे। इनके नजर में किसानों का सम्मान नहीं है। फिर अगर किसान भी कुछ कर देगा तो जिम्मेदारी इनकी हो जाएगी।

नरेश टिकैत से पूछा गया कि कबतक आप लोग ऐसे आंदोलन करते रहेंगे? जवाब देते हुए राकेश टिकैत के बड़े भाई ने कहा कि आप क्या चाहते हैं हम इन किसानों को इसी तरह से छोड़ दें? हम प्रधानमंत्री का मुकाबला नहीं कर सकते हैं उनके पास ताकत है लेकिन एक निवेदन है वो अपनी जिद छोड़ दें। हमारे पास सिर्फ और सिर्फ आंदोलन का हथियार है। हम गांधी जी के रास्ते पर चल रहे हैं।

बताते चलें कि कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान दिल्ली के जंतर मंतर पर अपनी संसद चला रहे हैं।किसान आंदोलन के अग्रणी नेता राकेश टिकैत ने इस बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को शेर की संज्ञा देते हुए कहा है कि दिल्ली का शेर चुप है, इसका मतलब कुछ हरकत होने वाली है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार नरम नहीं पड़ रही है, ये धोखा है। गांव वालों तैयार रहना क्योंकि दिल्ली चुप है। जो मीठा होता है, वो कुर्सी से चिपक जाता है, जैसे ततैया। सरकार मीठी है तो कोई न कोई चाल चलेगी। बताते चलें कि संसद के मानसून सत्र में भी किसानों का मुद्दा छाया रहा था। सरकार यह कहती आई है कि वो संशोधन के लिए तैयार है लेकिन कानून वापस नहीं लिए जाएंगे।