बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने राहुल गांधी पर बड़ा प्रहार किया है। सोमवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जिम्मेदार व्यक्ति का नाम नहीं है। कभी लाल किताब दिखाते हैं, कभी पीली किताब दिखाते हैं। उन्होंने सवाल करते हुए कहा, “क्या वो संविधान पढ़े होंगे? मैं दावा करता हूं कि वो नहीं पढ़े होंगे। पढ़कर कुछ लोग उनको लाइन बता देते होंगे।”

पत्रकारों ने जब उनसे राहुल गांधी के एक बयान को लेकर सवाल किया तो बृज भूषण ने कहा कि उनको जान देने की आवश्यकता नहीं है। सरकार संविधान के अनुसार ही चल रही है और मोदी सरकार अक्षरशः संविधान का पालन करती है। वो कलई न खुलवाएं कि उन्होंने संविधान के साथ क्या किया। उन्हें संविधान की दुहाई नहीं देनी चाहिए।1984 के सिख दंगे में कितना संविधान का पालन किया गया। कम से कम उनको संविधान की दुहाई देने की जरूरत नहीं है। संविधान की रक्षा करने के लिए सरकार दृढ़ संकल्प है।

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राहुल गांधी ने क्या कहा?

सोमवार को राहुल गांधी रांची में थे। यहां उन्होंने बीजेपी के नारे ‘एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे’ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अंबानी जैसे अरबपतियों के बीच एकजुटता के लिए दिया गया है। कांग्रेस नेता ने मणिपुर का दौरा नहीं करने के लिए मोदी पर निशाना साधा और कहा कि राज्य पिछले डेढ़ साल से ‘जल रहा है’।

राहुल गांधी ने रांची में मीडिया से बातचीत में आरोप लगाते हुए कहा, “मैं बीजेपी के नारे – ‘एक हैं तो सुरक्षित हैं’ का वास्तविक अर्थ समझाता हूं। इसका मतलब है कि अगर मोदी, शाह और अंबानी ‘एक’ हैं, तो वे ‘सुरक्षित’ हैं।”

उन्होंने कहा कि जाति जनगणना देश के लिए जरूरी है और इससे यह पता चलेगा कि किसके पास कितना धन है। उन्होंने कहा कि इससे कांग्रेस को सटीक निर्णय लेने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना से पता चलेगा कि देश की सत्ता में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (जो भारत की आबादी का 73 प्रतिशत हैं) का क्या स्थान है।

उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण से देश का विकास और परिवर्तन होगा।

बीजेपी पर लगाया संविधान खत्म करने का आरोप

राहुल गांधी ने कहा, “यह विचारधाराओं की लड़ाई है: एक तरफ इंडिया गठबंधन है जो संविधान की रक्षा कर रहा है और गरीबों, दलितों व आदिवासियों की सरकार चलाना चाहता है। दूसरी तरफ वे शक्तियां हैं जो संविधान को कुचलना चाहती हैं, इसे खत्म करना चाहती हैं। यह बात भाजपा और आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं ने कही है।” (इनपुट – ANI / भाषा)