गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को एलान किया कि भारत सरकार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा सील करने की योजना बनाई है। दोनों देशों की सीमा 2018 तक सील कर दी जाएगी। दोनों देशों की सीमा से होकर घुसपैठ के मद्देनजर सरकार ने यह योजना बनाई है। केंद्र सरकार लंबे समय से सीमा पर चौकसी के पुख्ता इंतजाम की कोशिश में है और इस बाबत कई प्रस्तावों पर विचार किया जा चुका है। सीमा सील करने के उपायों में बाड़बंदी, सीमा चौकियां बढ़ाने से लेकर कई अत्याधुनिक उपकरण लगाने की योजनाओं पर केंद्रीय गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय विचार कर रहा है।

मध्य प्रदेश के टेकनपुर इलाके में स्थित सीमा सुरक्षा बल अकादमी में बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेंट्स की पासिंग आउट परेड के मौके पर शनिवार को गृह मंत्री ने अपने भाषण में कहा, ‘भारत सरकार ने जल्द से जल्द पाकिस्तान और बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा सील  करने की योजना बनाई है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की यह बड़ी कार्रवाई होगी। इससे घुसपैठियों की समस्या पर भी अंकुश लगाने में इससे मदद मिलेगी।’ उन्होंने कहा कि केंद्र ने सीमा पर सुरक्षा मजबूत करने के लिए नया रोडमैप तैयार किया है। उन्होंने अपने भाषण के मुख्य बिंदुओं को ट्वीट कर भी बताया। उन्होंने भरोसा दिया कि दोनों पड़ोसी देशों की सीमा सील करने का काम 2018 तक पूरा कर दिया जाएगा। गृहमंत्री ने कहा कि घुसपैठ की समस्या बढ़ी है। आंतरिक और सीमा पर सुरक्षा के कई उपाय किए जा रहे हैं। लेकिन, सीमा सील किए बगैर बात नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि सीमा सील करने की इस परियोजना की प्रगति की केंद्रीय गृह सचिव नियमित तौर पर निगरानी करेंगे।

वे सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय सुरक्षा एजंसियों और राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ नियमित संपर्क में रहेंगे और समन्वय करेंगे। उन्होंने कहा कि भौगोलिक तौर पर मुश्किल इलाकों में तकनीक की मदद से सीमा सील की जाएगी। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में सीमा सुरक्षा बल ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपने कामकाज में काफी प्रभावशाली बदलाव किए हैं। बीएसएफ स्थानीय लोगों से मिलकर काम कर रही है। सीमा पर बीएसएफ ने 76 नए आउटपोस्ट बनाए हैं। माओवादी गतिविधियों के बारे में राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले दो-तीन वर्षों में माओवादी गतिविधियों में 50 से 55 फीसद की गिरावट आई है। पहले 135 जिले माओवादी हिंसा से प्रभावित थे। अब इनकी संख्या घटकर 35 रह गई है। राज्य सरकारें माओवादी गतिविधियों पर नियंत्रण की दिशा में अच्छा काम कर रही हैं और केंद्र उन्हें पूरी मदद दे रहा है।