केंद्र सरकार ने पवित्र अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले लोगों की सुविधा के लिए गुफा तक की सड़क चौड़ी करा दी और अब वहां तक गाड़ी ले जाने की तैयारी कर दी है। इसको लेकर केंद्र और भाजपा की सरकार ने इसे भक्तों के लिए बड़ी उपलब्धि बता रही है। दूसरी तरफ राज्य की जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि यह प्रकृति के खिलाफ है।
बीजेपी ने आलोचना को खारिज कर दिया
हालांकि बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई ने इस आलोचना को खारिज कर दिया। पार्टी ने कहा, “पीडीपी विरोध करके और सड़क निर्माण में खामियां निकालकर 2008 के भूमि विवाद को दोहराने की कोशिश कर रही है. लेकिन लोग काफी समझदार हैं और फिर से धोखे की राजनीति का शिकार नहीं होंगे।”
पार्टी ने कहा- मानसिक रूप से बीमार हैं विरोध करने वाले
पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता कविंदर गुप्ता ने बालटाल मार्ग की ओर गुफा तक वाहनों की आवाजाही की व्यवस्था करने का विरोध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जो लोग मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं, वही लोग बाबा बर्फानी के पवित्र गुफा तक सड़क बनने का विरोध कर रहे हैं। ऐसे लोग अपना दिमागी इलाज कराएं।
सेना की सीमा सड़क संगठन (Border Road Organisation) ने हाल ही में इस सड़क को चौड़ा कर दिया है। पहली बार ऐसा हुआ है कि गुफा तक गाड़ियां जाने की सुविधा उपलब्ध हो गई है। बीआरओ ने छह नवंबर को गुफा के मुख्य द्वार तक गाड़ी पहुंचा दी।
पीडीपी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह आस्था के खिलाफ है। पीडीपी के प्रवक्ता मोहित भान ने एक्स पर कहा, “यह इतिहास नहीं है, यह हिंदू धर्म और प्रकृति में आस्था के प्रति सबसे बड़ा अपराध है। हिंदू धर्म पूरी तरह से आध्यात्मिक और प्रकृति में डूबने पर आधारित है। यही कारण है कि हमारे तीर्थ हिमालय की गोद में हैं। महज राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक तीर्थयात्राओं को पिकनिक स्पॉट में बदलना निंदा के लायक है। हमने जोशीमठ, केदारनाथ में भगवान का क्रोध देखा है और फिर भी हम कोई सबक नहीं सीख रहे हैं, बल्कि कश्मीर में तबाही को आमंत्रित कर रहे हैं।”