मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को आज बॉम्बे हाई कोर्ट के मुश्किल सवालों का सामना करना पड़ा। कोर्ट उनकी याचिका पर सुनवाई कर रहा था। परमबीर सिंह ने मांग की है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की जाए। कोर्ट ने परमबीर सिंह से बार-बार पूछा कि देशमुख के खिलाफ बताए जा रहे आरोपों के मुताबिक कोई एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई? बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सीजे दत्ता ने सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी की।
कोर्ट ने सिंह से कहा, ‘आप एक पूर्व पुलिस कमिश्नर हैं। आपके लिए कानून क्यों अलग होना चाहिए? कानून के मुताबिक आपको एफआईआर दर्ज करानी चाहिए थी। आप खुद को कानून से ऊपर समझते हैं क्या? क्या पुलिस और नेता कानून से ऊपर हैं? आप खुद को कानून से ऊपर मत समझिए। कानून आप से ऊपर है।’ बता दें कि परमबीर सिंह को हाल ही में मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में सिंह ने आरोप लगाया है कि अनिल देशमुख ने गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये वसूल करने के लिए कहा था।
सिंह ने हाईकोर्ट को बताया, “मैं मुंबई का पूर्व पुलिस कमिश्नर रहा हूं और 30 साल से अधिक समय से सेवाएं दे रहा हूं।” अदालत ने जवाब दिया, “जांच करने के लिए एक एफआईआर होनी चाहिए। आपको FIR दर्ज करने से कौन रोकता है?” “आप जांच को सीबीआई को सौंपने के लिए कह रहे हैं। एफआईआर और जांच के बिना मामले को सीबीआई को कैसे सौंपा जा सकता है?”
अदालत ने कहा, “बिना एफआईआर के हम कोई फैसला कैसे दे सकते हैं?” इस पर परमबीर सिंह ने तर्क दिया कि “जब एक साधारण पत्र को अदालत जनहित याचिका समझ सकती है तो इस मामले को क्यों नहीं?”
इस पर अदालत ने जवाब दिया: “आप एक पुलिस अधिकारी हैं। यदि आपको लगता है कि अपराध किया गया है तो आपको FIR दर्ज करानी चाहिए। आपने ऐसा क्यों नहीं किया? आप जानते हैं कि एफआईआर दर्ज नहीं होने पर आप अपना कर्तव्य पूरा करने में असफल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री को पत्र लिखने भर से कुछ होने वाला नहीं है। FIR दर्ज न कराने के लिए हम आप पर कार्रवाई कर सकते हैं। अगर किसी नागरिक को अपराध का पता चलता है तो उसे एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। ”
अदालत ने सिंह से कहा, “क्या आप हमें बता सकते हैं कि गृह मंत्री ने आपकी मौजूदगी में ये बात कही थी।” “क्या वाजे ने कोई हलफनामा दिया है कि गृह मंत्री ने उनसे यह कहा?” सिंह ने कहा, “मैंने अपराधियों का उल्लेख किया है। मेरी दलीलों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया गया। मेरे पास जाने के लिए कोई और जगह नहीं है।”