टीआरपी घोटाला मामले में हाई कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी समेत अन्य टीवी चैनलों के कर्मचारियों को 5 मार्च तक अंतरिम राहत ती है। महाराष्ट्र सरकार ने आश्वस्त किया था कि अभी कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी। चार्जशीट में भी इस बात का जिक्र किया गया था। इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए अंतरिम राहत बढ़ा दी।
हाई कोर्ट ने यह भी साफ किया कि अब इस मामले की फिजिकल हेयरिंग होगी जिससे ज्यादा बातें सामने आ सकें। टीआरपी मामले में पेश किए गए दस्तावेजों और मुंबई पुलिस की चार्जशीट को लेकर कोर्ट ने कहा कि वर्चुअल हेयरिंग में सबको ध्यान में रखना संभव नहीं हो पा रहा है इसलिए 16 मार्च से फिजिकल हेयरिंग शुरू होगी।
शुक्रवार को वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि ARG ने कई नए दस्तावेज भी पेश किए हैं जो कि याचिका का हिस्सा नहीं थे। उन्होंने कहा कि नए दस्तावेजों पर जवाब देने के लिए उन्हें समय की ज़रूरत है। ARG मीडिया की तरफ से फाइल ऐफिडेविट के मुताबिक मुंबई पुलिस की चार्जशीट में रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी और इसके कलाकारों के खिलाफ सबूतों को जाहिर नहीं किया गया है।
ऐफिडेविट में कहा गया है कि पुलिस ने कर्मचारियों को गलत तरीके से इस केस में फंसाया है और यह राजनीतिक बदले की भावना से करवाया गया है। जस्टिस एसएस शिंद और जस्टिस मनीष पिताले की बेंच ने मामले की सुनवाई टाल दी और राहत दे दी। अब 16 मार्च को फिजिकल हेयरिंग होनी है जिसमें एआरजी की उस याचिका पर सुनवाई की जाएगी जिसमें उसने पुलिस की जांच को चुनौती दी है।
रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए थे। उन्होंने कोर्ट को बताया कि कोरोना का टीका लिया है और दूसरी डोज लेने से पहले उनका फिजिकल हेयरिंग में आना मुश्किल है। वह इन दिनों लंदन में रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी जगह पर कोई और कोर्ट में हाजिर होगा।
