पुलिस में शिकायत दर्ज करने पहुंची उस वक्त हैरान रह गयी जब कुछ समय बाद उस पुलिसकर्मी ने उसे फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी। जिसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने उस सब-इंस्पेक्टर के किलाफ़ एक्शन लेने का आदेश दिया।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को मुंबई पुलिस को कांदिवली के एक पुलिस उपनिरीक्षक (PSI) के आचरण की जांच करने का निर्देश दिया। इंस्पेक्टर ने कथित तौर पर एक महिला याचिकाकर्ता को फेसबुक पर ‘फ्रेंड रिक्वेस्ट’ भेजी थी जिसके द्वारा दर्ज कराई गई चोरी की शिकायत की वह जांच कर रहा था। अदालत ने जोनल पुलिस उपायुक्त (DCP) को समता नगर थाने में तैनात उपनिरीक्षक के खिलाफ उचित कार्रवाई करने को कहा।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला के गोखले की खंडपीठ ने आदेश में कहा, “हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि याचिकाकर्ता महिला के मामले की जांच कर रहा एक अधिकारी उसे या किसी ऐसे व्यक्ति को फ्रेंड रिक्वेस्ट कैसे भेज सकता है, जिसके मामले की वह जांच कर रहा है।” पीठ शिकायतकर्ता महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने मुंबई पुलिस आयुक्त, डीसीपी (जोन- XI) और कांदिवली (पूर्व) में समता नगर पुलिस स्टेशन को घर में चोरी के संबंध में सितंबर 2024 में दर्ज उसकी शिकायत के आधार पर FIR दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की थी।
पीठ ने SI के खिलाफ DCP को एक्शन लेने का दिया आदेश
पीठ ने अपने आदेश में कहा, “इन बातों को ध्यान में रखते हुए और मामले को जिस तरह से संभाला जा रहा है, उसे देखते हुए हम संबंधित क्षेत्र के डीसीपी को याचिकाकर्ता की शिकायत पर गौर करने और उचित कदम उठाने का निर्देश देते हैं। डीसीपी को याचिकाकर्ता को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने वाले पीएसआई के आचरण पर भी गौर करना चाहिए और उचित कार्रवाई करनी चाहिए।”
महिला ने दावा किया कि वह विवाद के कारण अपने पति से अलग रहती थी और उनकी बेटी शुरू में कांदिवली में किराए के मकान में रहती थी। जून 2024 में मानसिक तनाव के कारण उसकी बेटी को गंभीर न्यूरोलॉजिकल इंफार्क्शन जिसके बाद वह घाटकोपर में अपने घर पर अपनी मां की देखरेख में थी।
महिला का आरोप- पुलिस ने उसकी शिकायत पर दर्ज नहीं की FIR
महिला ने बताया कि अगस्त 2024 में जब वह घर से बाहर गई हुई थी तब कांदिवली में उसकी बेटी के घर में सेंध लगाई गई और उसके निजी सामान, 15 लाख रुपये की नकदी और आभूषण चोरी कर लिए गए। उसने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसकी शिकायत पर FIR दर्ज नहीं की और उसका बयान भी दर्ज नहीं किया, जिसके चलते उसे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
इंस्पेक्टर ने महिला को भेजी Facebook पर फ्रेंड रिक्वेस्ट
सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता विजय एच कंथारिया और शुभदा एस साल्वी ने अदालत के समक्ष 5 जनवरी की रात को महिला को उसकी शिकायत की जांच कर रहे पीएसआई द्वारा भेजी गई फ्रेंड रिक्वेस्ट का प्रिंटआउट पेश किया। वकीलों ने दावा किया कि पीएसआई ने कई मौकों पर याचिकाकर्ता को देर रात फोन करके पुलिस स्टेशन आकर बयान दर्ज कराने के लिए कहा।
जब पीएसआई अतुल लांडगे ने कहा कि फ्रेंड रिक्वेस्ट “गलती से” भेजी गई थी, तो बेंच ने मौखिक रूप से उनसे पूछा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया और स्पष्ट किया कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक व्यस्त पीएसआई को सोशल मीडिया के लिए समय कैसे मिलेगा। बेंच ने कहा कि अगर अधिकारी ने अपनी पहली पोस्टिंग में ऐसा किया तो वह कल्पना नहीं कर सकते कि वह भविष्य में क्या करेगा।
हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 14 जनवरी 2025 के लिए निर्धारित करते हुए संबंधित जोनल डीसीपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया। देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें jansatta.com का LIVE ब्लॉग