महाराष्ट्र में बहुत जल्द मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट से कुछ बड़ी बातें निकलकर सामने आई हैं। जैसे- बीएमसी के पिछले चुनाव के मुकाबले 12.67 प्रतिशत मतदाता मतदाताओं की संख्या बढ़ गई है। इससे बड़ी बात यह है कि बीएमसी के 227 वार्डों में से चार वार्ड ऐसे हैं जहां पर 50% से ज्यादा वोटर बढ़ गए हैं।

यह वार्ड- मलाड और कुर्ला विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं। इन इलाकों में अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले लोग रहते हैं। इन वार्डों की संख्या- 48, 33, 163 और 157 है।

वार्ड संख्या 48 में बढ़े 67.6 प्रतिशत मतदाता

राज्य चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिमी उपनगर मालवणी के वार्ड संख्या 48 में सबसे ज्यादा 67.6 प्रतिशत मतदाता बढ़े हैं। 2017 में इस वार्ड में 29,697 मतदाता थे जबकि अब कुल मतदाताओं की संख्या 49,775 हो गयी है। इस वार्ड से पिछली बार कांग्रेस की सलमा सलीम अमलेलकर पार्षद थीं।

‘…तो मुंबई मराठी लोगों के हाथ से निकल जाएगी’

मालवणी के बाद वार्ड संख्या 33 में मतदाताओं की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है और यह आंकड़ा 54.1 प्रतिशत है। 2017 में यहां मतदाताओं की संख्या 25,590 थी जो 2025 में बढ़कर 39,424 हो गई है। इस वार्ड से पिछली बार कांग्रेस के वीरेंद्र चौधरी चुनाव जीते थे।

रोहिंग्या-बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ का मुद्दा गर्म

पिछले तीन सालों से मलाड और मालवणी इलाकों में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ का मुद्दा गर्म रहा है। मुंबई के संरक्षक मंत्री और कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और मलाड से कांग्रेस विधायक असलम शेख इस मुद्दे पर आमने-सामने हैं।

शेख के दफ्तर की ओर से कहा गया की चुनाव आयोग के आंकड़े गलत हैं और इन्हें फिर से देखे जाने की जरूरत है।

कोई भी वोटर अवैध प्रवासी नहीं

शेख के दफ्तर के एक शख्स ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘2019 में 2.97 लाख मतदाता थे, 2024 में 3.58 लाख मतदाता होंगे, इसका मतलब कि छह सालों में केवल 20 प्रतिशत वोटर बढ़े हैं। कोई भी वोटर अवैध प्रवासी नहीं है। पहले, कई पुराने लोगों के नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं थे। हम हर तीन महीने में अभियान चला रहे हैं कि सभी का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो। इस वजह से भी मतदाताओं की संख्या बढ़ी है।”

कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा कहते हैं, ‘व्यवस्थित ढंग से अवैध प्रवासियों को मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने के लिए कानूनी दस्तावेज दिए जा रहे हैं और हम इसके खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं।’

2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के विनोद शेलार ने असलम शेख के खिलाफ चुनाव लड़ा था और उन्हें लगभग 6000 वोटों के अंतर से हार मिली थी। शेख लगातार चार बार मलाड विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। विनोद शेलार कहते हैं कि मलाड विधानसभा क्षेत्र में एक राजनेता के मतदाता आधार को फायदा पहुंचाने के लिए स्थानीय वोटर्स की संख्या में गड़बड़ी की जा रही है।

कुर्ला और चांदीवली वार्ड में बढ़े मतदाता

सेंट्रल मुंबई के कुर्ला वार्ड 157 और चांदीवली वार्ड 163 में भी मतदाताओं की संख्या 50% से ज्यादा बढ़ गई है। वार्ड संख्या 163 में 51.8 प्रतिशत वोटर और वार्ड संख्या 157 में 50.8% वोटर बढ़े हैं।

वार्ड संख्या 163 में 2017 में कुल मतदाताओं की संख्या 30,926 थी जो अब बढ़कर अब 46,941 हो गई है। इसी तरह, वार्ड संख्या 157 में 2017 में कुल मतदाता 38,198 थे और अब यह बढ़कर 57,612 हो गए हैं। ये दोनों ही वार्ड चांदीवली विधानसभा सीट के कुर्ला क्षेत्र में आते हैं।

चांदीवली वार्ड से शिवसेना विधायक दिलीप लांडे वार्ड नंबर 163 से पिछली बार चुनाव जीते थे। वार्ड नंबर 157 से शिवसेना की आकांक्षा शेट्टी पार्षद चुनी गई थीं।

चांदीवली के पूर्व विधायक नसीम खान कहते हैं, ‘मतदाता सूची कैसे तैयार की गई? क्या चुनाव आयोग के अफसरों ने वार्डों का दौरा नहीं किया क्या मतदाताओं की संख्या जानबूझकर बढ़ाई गई?’ वह कहते हैं कि उन्होंने संबंध में चुनाव आयोग में आपत्ति दर्ज कराई है।

इन वार्डों में बढ़े 40 प्रतिशत से ज्यादा मतदाता

इसके अलावा, चार वार्डों- 32 (मलाड), 25 (ठाकुर विलेज-कांदिवली), 21 (दहानुकरवाड़ी-कांदिवली) और 134 (गोवंडी) में 40 प्रतिशत से ज्यादा वोटर्स बढ़े हैं। 17 वार्डों में वोटर्स की संख्या में 30 प्रतिशत से ज्यादा जबकि 39 वार्डों में 20 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

24 वार्डों में घटे वोटर

आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि मुंबई के 227 नगर पालिका वार्डों में से 24 वार्ड ऐसे भी हैं जहां मतदाताओं की संख्या घट गई है। इनमें से 10 वार्ड मुंबई के उपनगर इलाके में हैं। जिन वार्डों में वोटर की संख्या घटी है उनमें वार्ड संख्या 28 (कांदिवली पूर्व), संख्या 13 (बोरीवली), संख्या 57 (गोरेगांव), संख्या 64 (अंधेरी पश्चिम), संख्या 100 (खार) और संख्या 102 (बांद्रा) शामिल हैं।

कांदिवली से बीजेपी पार्षद अतुल भातखलकर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “उपनगरों में जिन वार्डों में वोटर्स की संख्या घटी है, वे मूल रूप से झुग्गी-झोपड़ियां हैं। जैसे- वार्ड संख्या 28 के लोग आमतौर पर अपनी चॉल किराए पर देकर दूसरी जगहों पर चले जाते हैं। इन झुग्गियों का जल्द ही झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) के तहत पुनर्विकास किया जाएगा और उसके बाद मतदाताओं की संख्या फिर से बढ़ जाएगी।”

चुनाव आयोग पर क्यों भड़के सीएम फडणवीस, शिंदे ने कही चौंकाने वाली बात!