हाल ही में हरियाणा के भिवानी जिले के पैंसठ वर्षीय एक बुजुर्ग से उनका अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर डालने की धमकी देकर सैंतीस लाख रुपए की ठगी कर ली गई। बुजुर्ग की शिकायत पर हुई पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी अब तक विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सात सौ अट्ठाइस लोगों से ऐसी वसूली कर चुके हैं। इस तरह ठगों के इस गिरोह ने लगभग तीन करोड़ रुपए की उगाही की है।
देश के कोने-कोने में चल रही है साइबर ठगों की ऑनलाइन साजिश
चिंता का विषय है कि सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से ‘वीडियो काल’ को रिकार्ड करके लोगों को धमका कर वसूली करने वाले बुजुर्गों को अपना आसान शिकार समझने लगे हैं। लड़कियों के नाम से फेसबुक, वाट्सएप और इंस्टाग्राम खाता बनाकर उम्रदराज लोगों का वीडियो काल के माध्यम से अश्लील वीडियो रिकार्ड कर रुपए ऐंठने के मामले देश के कोने-कोने से सामने आ रहे हैं। हाल के अनेक मामलों में सामने आया है कि अब ‘वाट्सएप काल’ साइबर ठगों के लिए नया हथियार बन गया है।
डरा-धमकाकर जाल में फंसाए जा रहे बुजुर्ग और युवा लड़कियां
दरअसल, स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर रहे बहुत से बुजुर्ग आज भी तकनीक के अच्छे जानकार नहीं हैं। विभिन्न माध्यमों पर होने वाली ठगी के प्रति जागरूक भी नहीं होते। इतना ही नहीं, मान-सम्मान को चोट पहुंचने के भय से कई उम्रदराज लोग अपनों को सच भी नहीं बता पाते। वहीं, साइबर ठगी का जाल बिछाने वालों के नाम, तस्वीर और फोन के सिम कार्ड ही नहीं, बैंक खाते तक फर्जी होते हैं। छिपी पहचान के साथ अनजान लोगों को संदिग्ध बातचीत और ‘वीडियो कालिंग’ के जरिए एक बार अपने जाल में फंसा लेने के बाद ऐसे लोग डराने-धमकाने लगते हैं।
एक बार फंसा लेने पर लगातार ब्लैकमेलिंग का चलता है सिलसिला
एक शिकायतकर्ता का कहना है कि वाट्सएप पर एक वीडियो काल आई और उसका जवाब दिया, तो उधर से एक लड़की आपत्तिजनक स्थिति में दिखाई दी। फोन बंद करने के बाद आरोपी ने इसका संपादित वीडियो बनाकर भेजा, जिसमें शिकायतकर्ता बुजुर्ग कथित तौर पर उस लड़की के साथ दिखाई दे रहे थे। इसके बाद जबरन वसूली करने वालों के नियमित फोन आने शुरू हो गए।
बातचीत में अपने आप को सीबीआइ और दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारी बताते हुए उन्होंने कहा कि पैसों की मांग नहीं मानी, तो गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहें। समझना मुश्किल नहीं कि ऐसी स्थितियां कैसे बुजुर्गों के लिए मानसिक पीड़ा देने वाली साबित होती हैं। अपने परिचितों और सगे-संबंधियों के बीच छवि खराब होने के डर से अधिकतर बुजुर्ग शिकायत दर्ज कराने से भी बचते हैं। यही वजह है कि हाल के बरसों में साइबर शोषण के ऐसे मामलों से उपजे मानसिक दबाव के कारण कई बुजुर्गों ने आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लिया।
सोशल मीडिया पर भी बहुत से लोग व्यक्तिगत रूप से ऐसे किस्से साझा करते हैं, जो बताते हैं कि शोषण और ठगी का यह खेल अब एक संगठित व्यवसाय बनता जा रहा है। गौरतलब है कि ‘सोशल मीडिया पर विष फैला रही ‘डिजिटल विष कन्याओं’ से रहें सावधान, झूठे प्यार और दोस्ती के बहाने आपको बना सकती हैं कंगाल। अश्लील काल और आपत्तिजनक वीडियो रिकार्ड करके आपको करेंगी ब्लैकमेल। रिश्तेदारों और विभिन्न सोशल साइट पर अपलोड करने की धमकी देकर करेंगी लाखों की लूटपाट’- यह संदेश कुछ समय पहले एक गैर-सरकारी संगठन द्वारा राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आधिकारिक ‘एक्स’ पर साझा किया गया था। इसे लेकर खूब चर्चा भी हुई थी।
बावजूद इसके, ऐसी घटनाएं रुक नहीं रही हैं। सोची-समझी रणनीति के तहत साइबर धोखाधड़ी करने वाले शातिर अपराधी कभी लड़की की आवाज में अश्लील बातचीत रिकार्ड करते हैं, तो कभी आपत्तिजनक तस्वीर के साथ संपादित चित्र जोड़कर वीडियो बनाते हैं। देश के कोने-कोने से ठगी के ऐसे समाचार आते रहते हैं।
फोन में वीडियो काल की सुविधा ने दूर देश में बसे अपनों को देखने-बतियाने से लेकर कामकाजी जरूरतों के लिए आनलाइन बैठकों और कांफ्रेंस तक को सहज बनाया है। अफसोस कि पारिवारिक जुड़ाव बढ़ाने और कामकाजी जद्दोजहद कम करने वाली इस सुविधा को आपराधिक मानसिकता के लोगों ने शोषण और भयादोहन का धंधा बना लिया है। डिजिटल होती जीवनशैली में हर हाथ में आया स्मार्ट फोन शिक्षित-अशिक्षित, हर तरह के लोगों को ठगी के जाल में फंसा रहा है। उन्हें डराया-धमकाया और ठगा जा रहा है। इस जाल में फंसकर लोग घर छोड़कर जाने से लेकर खुदकुशी जैसे कदम तक उठा रहे हैं।
देशभर में नई तरह की ठगी का यह जाल तेजी से फैल रहा है। आजकल अधिकतर सोशल मीडिया मंच वीडियो कालिंग की सुविधा देते हैं। ऐसे में साइबर अपराधी इन मंचों पर लोगों को शिकार बनाने का जाल बुनते हैं। इस धोखेबाजी में उपभोक्ताओं को वीडियो काल कर फंसाया जाता है। फोन उठाने पर दूसरी ओर बैठा इंसान आपत्तिजनक हरकतें करने लगता है। यों उस तरफ महिला या पुरुष कोई भी हो सकता है। ज्यादातर महिलाएं यह जाल बिछाती हैं। सहज रूप से फोन उठाने वाला जब तक कुछ समझ पाए, इन पलों का वीडियो, फोटो, ‘स्क्रीन शाट’ ले लिया जाता है। उसी सामग्री को वायरल करने की धमकी देकर भयादोहन और पैसों की ठगी की जाती है।
ऐसे वसूली गिरोहों ने दूर-दराज के गांवों-कस्बों तक में अपने अड्डे बना लिए हैं। अधिकतर मामलों में पुरुषों के साथ यह धोखाधड़ी की जाती है। जाने-अनजाने इस जाल में फंस जाने वाले लोग लोकलाज और सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल होने के डर से उनकी बात मान लेते हैं। बहुत से मामलों में पैसे ऐंठने के लिए प्रताड़ना और धमकी का भय इतना होता है कि लोग अतिवादी कदम भी उठा लेते हैं। कुछ दिनों पहले आनलाइन जालसाजों के भयादोहन के शिकार पुणे के उन्नीस वर्षीय एक युवक ने आत्महत्या कर ली।
मामले की जांच में राजस्थान के अलवर जिले में चल रहे ऐसे तंत्र का खुलासा हुआ। कई युवक और महिलाएं लिप्त पाए गए। एक अन्य घटना में इंदौर में पैंसठ साल के बुजुर्ग ने आत्महत्या कर ली। कुछ समय पहले दिल्ली में एक बड़े गैंग का पर्दाफाश करने बाद पुलिस ने बताया कि वह गिरोह अब तक दो सौ से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाकर बाईस लाख रुपए से ज्यादा की वसूली कर चुका है।
ऐसे मामलों में बुजुर्गों को अपनों का विश्वास और संबल मिलना आवश्यक है। उम्रदराज लोगों को भी न केवल इंटरनेट के इस्तेमाल में सजगता बरतने, बल्कि फंसाए जाने पर डर के बजाय घर-परिवार में बात करने की राह चुननी चाहिए। परिजनों को इन आपराधिक घटनाओं को मान-सम्मान पर ठेस पहुंचाने वाला मामला न समझ कर अपराधियों का जाल ही समझना चाहिए। ठगी का शिकार कोई बच्चा हो या बुजुर्ग, महिला हो या पुरुष, पुलिस में शिकायत दर्ज कराने और अपनों का विश्वास हासिल करने से नहीं हिचकना चाहिए।