केंद्र सरकार ऐसे मार्ग जहां अधिक दुर्घटनाएं (ब्लैक स्पाट) होती हैं, उनकी पहचान करेगी और उनका तकनीकी समाधान लागू करेगी। इस पहल से देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकेगी। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा योजना को केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य सरकारों की मदद से लागू किया जाएगा। इसके लिए मंत्रालय ने इस वर्ष 1200 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया है।

योजना के तहत सभी राज्यों में ब्लैक स्पाट सुधारने के कार्य की शुरुआत की जा सके, इसके लिए मंत्रालय में योजना विभाग के अधिकारी सौरव शिवहरे ने इन बजटीय प्रावधानों के आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों की प्रति मुख्य अभियंता (मार्ग सुरक्षा), सभी जोन के मुख्य अभियंताओं और मंत्रालय से संबंधित अधिकारियों को भेजी गई है। अब तक ऐसे कार्यों के लिए मंत्रालय में अलग से कोई फंड नहीं होता था।

रिपोर्ट बताती है कि इन मार्गों पर हादसों की बड़ी वजह मार्ग का डिजाइन, शराब पीकर और तेज गति से वाहन चलाना, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, लालबत्ती नियमों का उल्लंघन और गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल का इस्तेमाल करना रहा है। इस रिपोर्ट में अधिक दुर्घटना वाले ऐसे 5803 मार्गों की पहचान की गई थी। इसके बाद मार्ग सुरक्षा को बढ़ाने के लिए मंत्रालय 2021 तक 18096 किलोमीटर से अधिक मार्गों की लेखा परीक्षा कर चुका है। इसके तहत दुर्घटना वाली जगहों पर तकनीकी खामियां दूर करके चालकों को जागरूक बनाकर और ऐसी जगहों पर पुलिस की उपस्थिति बढ़ाकर मार्गों पर दुर्घटनाओं को कम करने की कोशिश की गई है।

5 या 10 से अधिक दुर्घटना वाले क्षेत्र को माना जाता है ‘ब्लैक स्पाट’
मंत्रालय ने इन राज्यों में आकलन के लिए पांच और 10 से अधिक दुर्घटना वाले एक ही स्थल को ब्लैक स्पाट माना है और ऐसे 5803 स्थान पाए गए हैं। जिन राज्यों में मार्गों की हालत सबसे अधिक खराब मिली, उन राज्यों में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना जैसे प्रमुख राज्य हैं। इन राज्यों में मंत्रालय ने ऐसे 400 से 750 से अधिक क्षेत्रों की पहचान की थी। इसके बाद दूसरी श्रेणी में गुजरात, राजस्थान, पंजाब और अन्य राज्य थे, जो कि 400 से कम ब्लैक स्पाट वाले क्षेत्र थे।