गुरुवार को किसान संगठनों ने एक साल से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन समाप्त करने का ऐलान किया। किसान आंदोलन समाप्त किए जाने के ऐलान के बाद जब पत्रकार ने किसान नेता राकेश टिकैत से सवाल पूछा कि अब यूपी मिशन का क्या होगा तो उन्होंने कहा कि जबतक आचार संहिता नहीं लग जाती है तब तक सरकार जो देती है उसे ले लो।

किसान आंदोलन समाप्ति की घोषणा के बाद पत्रकार अजीत अंजुम ने किसान नेता राकेश टिकैत से सवाल पूछा कि अब तो आपकी जीत हो गई है इसलिए आपका मिशन यूपी स्थगित हो गया। इसके जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि जबतक आचार संहिता नहीं लग जाती है तबतक सरकार जो देगी उसे ले लो। इसपर पत्रकार ने उन्हें टोकते हुए कहा कि अब सरकार क्या देगी, उन्होंने तो चिट्ठी भेज दी है।

इसके जवाब में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी बिजली के बढ़े हुए रेट, गन्ने का भुगतान, एमएसपी से कम पर खरीद जैसे कई मुद्दे हैं। अब यहां से फ्री हो गए हैं और अब उत्तरप्रदेश सरकार से बातचीत करेंगे। यहां पर प्रभाव पड़ता इसलिए उत्तरप्रदेश सरकार से बातचीत नहीं की लेकिन अब राज्य के मुद्दों को लेकर वहां के मुख्यमंत्री से बात करेंगे। 

किसान संगठनों के ऐलान के बाद दिल्ली की सीमा पर जारी धरने 11 दिसंबर को ख़त्म हो जाएंगे और किसान अपने घर लौटने शुरू करेंगे। 13 दिसंबर को सभी किसान संगठनों के नेता अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब जाएंगे। इसके बाद 15 दिसंबर से पंजाब के अलग अलग स्थानों में चल रहा मोर्चा भी खत्म हो जाएगा। आने वाले 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की समीक्षा बैठक होगी। 

गौरतलब है कि गुरुवार को सरकार के कृषि सचिव संजय अग्रवाल की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव के बाद किसान संगठनों ने आपसी सहमति बनाकर आंदोलन ख़त्म करने की घोषणा की। सरकार ने किसान संगठनों की अधिकतर मांगे मान ली। सरकार और किसान संगठनों के बीच जिन मुद्दों को लेकर सहमति बनी है उसमें एमएसपी को लेकर एक कमेटी बनाने, आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लेने और मृतक किसानों के परिवारजनों को मुआवजा देने जैसे मुद्दे शामिल हैं। साथ ही प्रस्ताव में सरकार की तरफ से पराली जलाने को लेकर जुर्माने और सजा के प्रावधान को हटाने की बात भी कही गई है।