कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 11 महीने से किसान संगठन दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं। इसको लेकर मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक अपने बयानों से लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। बीत दिनों एक कार्यक्रम में मलिक ने कहा कि देश में इतना बड़ा आंदोलन कभी नहीं चला। 600 लोग शहीद हुए, लेकिन संसद में कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया।

सत्यपाल मलिक के बयान पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने सही कहा है। साढ़े सात सौ के आसपास किसान शहीद हो गए हैं। लेकिन भारत सरकार की तरफ से एक भी शोक संदेश नहीं आया है। देश के किसानों को ये लगता है कि मौजूदा प्रधानमंत्री किसानों के पीएम नही हैं।

राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली के पार्लियामेंट और पीएम आवास से 40 किलोमीटर की दूरी पर किसान शहीद हो रहे हैं, एक कष्ट तो बनता है। वहीं सत्यपाल मलिक द्वारा किसान आंदोलन को दिए जा रहे समर्थन पर राकेश टिकैत ने कहा, समर्थन का मतलब ये होता है कि वो हमारी विचारधारा से जुड़े हुए हैं। वो अगर हमारी बात सरकार तक पहुंचा दें तो अच्छा है।

वहीं इससे पहले एक कार्यक्रम में सत्यपाल मलिक ने कहा था कि देश में आजतक इतना बड़ा आंदोलन नहीं चला। जिसमें 600 लोग शहीद हुए हों। सामान्य तौर पर कोई हादसा होता है तो दिल्ली के तमाम नेताओं की तरफ से शोक संदेश दिया जाता है। लेकिन इतनी संख्या में किसानों की मौत हुई, संसद में भी कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया।

वैसे आए दिन सत्यपाल मलिक किसान आंदोलन के समर्थन में अपनी बेबाक राय रखते रहते हैं। इससे पहले इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने केंद्र सरकार को सलाह दी थी कि मौजूदा सरकार को किसानों का अपमान नहीं करना चाहिए। उनकी मांगों को सुनना चाहिए। उन्होंने कहा था कि सरकार को किसानों से बात कर उनके मुद्दे सुलझाने चाहिए।

इसके अलावा गोवा में भ्रष्ट्राचार का मुद्दा उठाकर मलिक मोदी सरकार की किरकिरी करा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि गोवा में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख के कारण ही मेरा तबादला मेघालय किया गया था।