तीन कृषि कानूनों के वापस लेने के बाद भी किसानों का आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। किसान संगठन बाकी बचे मुद्दों पर सरकार से ठोस बातचीत और समाधान की मांग कर रहे हैं। इसी को लेकर एक इटरव्यू में राकेश टिकैत से पूछा गया कि किसान आंदोलन लंबा चला तो क्या इससे बीजेपी को फायदा होगा? इस सवाल पर टिकैत स्पष्ट जवाब देने से बचते दिखे।
टिकैत ने इस सवाल को लेकर कहा कि वो किसी के फायदे-नुकसान के लिए आंदोलन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे हैं उनका समाधान करो। किसे फायदा होगा और किसे नुकसान उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है।
किसान आंदोलन को लेकर एनडीटीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में टिकैत ने ये बातें कही। किसान आंदोलन के स्वरूप के सवाल पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का आंदोलन तबतक जारी रहेगा, जबतक केंद्र सरकार बातचीत करके हमारे मुद्दों का समाधान नहीं कर देती।
बैंकों के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन को सपोर्ट करने की बात भी टिकैत कह चुके हैं। इसे लेकर जब एंकर मनोरंजन भारती ने सवाल पूछा तो टिकैत ने कहा कि बैंक वाले कर्मचारी उनके पास आए थे, तो हमने कहा कि तुम भी अपना आंदोलन कर लो। इससे पहले टिकैत ने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को रोकने की जरूरत है, इसके खिलाफ एक आम देशव्यापी आंदोलन होना चाहिए।
राकेश टिकैत ने आगे इस इंटरव्यू में कहा कि वो वोट का गुणा भाग नहीं करते हैं। उन्होंने कहा- हम तो, किसानों के मुद्दे हैं, उसपर बातचीत करना चाहते हैं। सरकार बात कर ले”। वहीं सरकार से बातचीत के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी तो सरकार से बात नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन में फूट डालना चाह रही है।
बता दें कि किसान संगठनों की ओर से बातचीत के लिए कमेटी भी बनाई गई है, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से बातचीत के लिए कोई न्यौता नहीं आया है। जिसके बाद मंगलवार को किसान संगठनों की बैठक होगी और आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।