भाजपा ने बिहार की चुनावी बिसात पर अपने वादों के मोहरे उतार दिए हैं। ‘मेक इन बिहार’ और ‘डिजिटल बिहार’ के नारों के साथ किसान, युवाओं, उद्यमियों से वादे किए गए हैं। राज्य विधानसभा चुनाव के लिए ‘भाजपा का दृष्टिपत्र’ जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने बिहार के पिछड़ेपन के लिए जद (एकी), राजद और कांग्रेस के महागठबंधन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि तीन पैरों पर दौड़ने वाला महागठबंधन मुकाबला नहीं जीत सकता और मतदाताओं को चेताया कि अगर महागठबंधन सत्ता में आया तो राज्य में अराजकता और जंगलराज का बोलबाला होगा।
जेटली ने कहा कि कांग्रेस ने राज्य में 40 सालों तक शासन किया, राजद ने 15 सालों तक और जद (एकी) ने दस सालों तक और राज्य के पिछड़ेपन के लिए ये सभी दल जिम्मेदार हैं। जेटली की पार्टी भाजपा हालांकि जद (एकी) के साथ करीब सात सालों तक सत्ता में साझेदार रही है।
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने बजरिए ‘भाजपा का दृष्टिपत्र’ छात्रों, किसानों और राज्य के समग्र विकास का वादा किया। जेटली ने कहा, ‘यह अवधि काफी लंबी है। इस अवधि में बिहार का चेहरा बदल जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ’।
वित्त मंत्री ने नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने उसी दल के साथ हाल मिलाया जिसने बिहार को बर्बाद किया। जद (एकी) राजद-कांग्रेस के महागठबंधन को विरोधाभासी करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘महागठबंधन में शामिल लोग अवसरवादी हैं। राजनीतिक एकरूपता उनकी प्रकृति नहीं है। अगर वे जीतते हैं तब बिहार को अराजकता में धकेलने के अलावा और कोई परिणाम सामने नहीं आएगा’।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जैसे कोई भी भाजपा और कांग्रेस के बीच गठजोड़ की बात नहीं सोच सकता, उसी तरह से विचारधारा में अंतर के कारण राम मनोहर लोहिया के अनुयायिओं के कांग्रेस के हाथ मिलाने की कल्पना करना भी कठिन था। जेटली ने कहा, ‘हमें ऐसी राजनीतिक असंगति देखने को मिली और ऐसा विरोधाभासी गठबंधन भी देखने को मिला जो तीन पैरों वाला है। इसलिए यह दौड़ नहीं सकता और अगर रेस में दौड़ भी जाए तब जीत नहीं सकता’। बाकी पेज 8 पर उङ्मल्ल३्र४ी ३ङ्म स्रँी ८
बिहार में राजग के शासन के दौनान विकास की कमी को लेकर भाजपा को एक तरह से क्लीन चिट देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी नीतीश कुमार के सरकार में करीब साढ़े सात सालों तक छोटी सहयोगी थी।
भाजपा नीत गठबंधन के पास ही विकास की सोच होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर भाजपा नीत राजग सत्ता में आया तब इससे राज्य का पिछड़ापन दूर करने में मदद मिलेगी और राज्य प्रगति व विकास के मार्ग पर आगे बढ़ेगा, जैसे मध्य प्रदेश में भाजपा शासित शासन के दौरान शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान हुआ और वह राज्य बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर आया ।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में आजादी के बाद से सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सुविधाओं का ढांचा नहीं था। लेकिन शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार के 15 सालों के शासन के दौरन तस्वीर बदल गई। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर बिहार बीमारू श्रेणी में बना हुआ है तब इसकी जिम्मेदारी राजद, जद (एकी) और कांग्रेस पर आती है।
नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने जंगलराज के सृजनकर्ताओं के साथ गठबंधन किया है। जबकि राज्य से जंगलराज खत्म करने के वादे के साथ वे पिछले तीन चुनावों में जीते।
भाजपा नेता ने दावा कि गठबंधन में लालू प्रसाद का हिस्सा रहते हुए ऐसा कोई परिवर्तन नहीं आने वाला है जो प्रदेश को सुशासन और विकास की ओर ले जाए। उन्होंने कोटा नीति की समीक्षा करने से संबंधित संघ प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी के आलोक में भाजपा पर किए गए लालू प्रसाद के हमले की आलोचना की। जेटली ने आरोप लगाया, ‘राजद जानता है कि वह विकास के मुद्दे पर जीत नहीं सकता है और इसलिए वह दूसरे मुद्दों के आधार पर समाज को बांटने का प्रयास कर रहा है’।
बिहार के लिए पार्टी के दृष्टिपत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह राज्य के विकास के लिए है जो सड़कों और आधारभूत संरचना के निर्माण, कृषि आधारित उद्योगों और रोजगार के अवसरों से संबंधित है। उन्होंने बिहार के समृद्ध मानव संसाधन और विकास को आगे बढ़ाने के लिए कृषि का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार बिहार की मदद के लिए हमेशा खड़ी रहेगी। अगर बिहार में भाजपा नीत सरकार आई, हम उम्मीद करते हैं कि ऐसा होगा तब बिहार इतिहास रचेगा’।
