लोकसभा चुनाव के होने में चंद महीनों का समय शेष है। इसे भांपते हुए उत्तर प्रदेश में हर राजनीतिक दल घर-घर पहुंचने की गणित में जुट गया है। भारतीय जनता पार्टी ने घर-घर तिरंगा अभियान चला कर इसकी शुरूआत की है। वहीं समाजवादी पार्टी ने घर-घर दस्तक देने का आह्वान अपने कार्यकर्ताओं से किया है। रही बात बहुजन समाज पार्टी की तो उसने अपने मतदाताओं के बीच नेताओं को जाने के निर्देश छह महीने पहले ही दे दिए थे। उधर, कांग्रेस ने अपने नए प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी अजय राय को सौंप कर कुछ चमत्कार की उम्मीद बांधी है।
भारतीय जनता पार्टी ने घर-घर तिरंगा अभियान की शुरूआत कर के प्रदेश के हर घर तक पहुंचने की पुरजोर कोशिश की है। इस अभियान को पार्टी के केंद्रीय स्तर के अलावा योगी आदित्यनाथ भी लगातार देख रहे हैं। वहीं भाजपा ने दूध वाले, डिलेवरी ब्वाय समेत सभी वेंडरों से संपर्क साधा है। उनके माध्यम से पार्टी प्रदेश के अधिसंख्य घरों तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिश में है। उत्तर प्रदेश में छह साल से सरकार चलाने और विकास की नई इबारत गढ़ने के बाद भी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को सिर्फ इसी पर भरोसा नहीं है। यही वजह है कि वह घर-घर पहुंचने के लिए अन्य रास्तों को भी आजमाना चाहता है।
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 73 सीटें जीती थीं। उस वक्त विपक्षी दलों के पास महज सात सीटें ही थीं। जो 2019 के लोकसभा चुनाव में बढ़ कर 16 हो गर्इं। पांच साल में सीटों की शक्ल में हुआ भारी नुकसान भाजपा आलाकमान को लगातार परेशान किए हुए है। वह किसी भी हाल में 2024 के लोकसभा चुनाव में इसकी पुनरावृत्ति से बचने की पुरजोर कोशिश में जुटी है।
उधर, उत्तर प्रदेश में लगातार करारी हार का सामना करती आ रही समाजवादी पार्टी इस मर्तबा प्रदेश के घर-घर में दस्तक देने की तैयारी में है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्र के हर घर तक पहुंचें। वहां लोगों से मुलाकात करें और उन्हें समाजवादी पाटी की सरकार की उपलब्धियों की याद दिलाएं। साथ ही भारतीय जनता पार्टी की छह साल की सरकार की कमियों से भी जनता को अवगत कराएं। वे जनता को बताएं कि मंहगाई और बेरोजगरी ने किस कदर प्रदेश की जनता पर अपना असर डाला है।
उधर, बहुजन समाज पार्टी बेहद शांत रह कर अपने मतदाताओं के बीच पहुंचने आौर उनके संपर्क में लगातार बने रहने पर काम कर रही है। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे मतदाताओं के बीच लगातार रहें। बसपा प्रमुख ने प्रदेश के हर जिले में मौजूद अपने कार्यकर्ताओं की छह महीने पहले लखनऊ में एक बैठक की थी। इस बैठक में उन्होंने निर्देश दिए थे कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के पारंपरिक मतदाताओं के बीच कार्यकर्ता पहुंचें और उनके लगातार संपर्क में रहें।
कांग्रेस ने भी नए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को बना कर प्रदेश के कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने की कोशिश की है। पार्टी आलाकमान को लगता है कि वह इस बार के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के जरिये उत्तर प्रदेश में अपनी सीटों में इजाफा कर पाने में कामयाब होगी। प्रदेश के हर घर तक पहुंचने का सियासी दलों का अभियान कितना सफल होगा? यह तो चुनाव परिणाम तय करेंगे, लेकिन इस बारे में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह कहते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में किसी भी विरोधी दल का खाता भी नहीं खुलेगा। जबकि सपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र चौधरी का मानना है कि लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन उत्साहित करने वाला होगा। उनका कहना है कि प्रदेश की जनता डबल इंजन की सरकार की हकीकत जान चुकी है।