कांग्रेस के राष्ट्रपति भवन तक मार्च पर पलटवार करते हुए भाजपा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि विपक्षी दल झूठ पेश करके सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के साथ आग से खेल रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कट्टरता और पूर्वाग्रहों के विरुद्ध सबसे ताकतवर आवाज रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में निकाले गये मार्च को बिहार चुनाव में हार के डर से ‘एक कमजोर होते परिवार की प्रासंगिकता बनाये रखने की हताशापूर्ण कोशिश’ करार देते हुए भाजपा ने दावा किया कि पार्टी निराशा की राजनीति कर रही है।

भाजपा प्रवक्ता एम जे अकबर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘नैतिक और राजनीतिक रूप से दिवालिया कांग्रेस नेतृत्व झूठ पेश करके चुनावी फायदा उठाने के लिए सांप्रदायिक भावनाओं को हवा देकर आग के साथ खेल रहा है।’’

अकबर के मुताबिक बिहार में राहुल गांधी की रैलियों में खाली जगह नतीजे की ओर इशारा करती है। मोदी पर नफरत वाली घटनाओं का समर्थन करने के सोनिया गांधी के आरोपों पर अकबर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बार बार कट्टरता के खिलाफ भाइचारे का समर्थन किया है, चाहे लाल किले से दिया भाषण हो, उनकी जनसभाएं हों या ‘मन की बात’ हो।

अकबर ने मोदी के इस बयान की याद दिलाई कि हिंदू और मुसलमानों को एक दूसरे के खिलाफ नहीं लड़ना बल्कि एक होकर गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़नी है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कुछ दुखद घटनाओं पर उनकी पीड़ा और निराशा न केवल झलकी है बल्कि सार्वजनिक तौर पर व्यक्त की गयी है।’’

अकबर ने कांग्रेस अध्यक्ष के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के जमीन लेनदेन मामलों से जुड़ी कुछ कंपनियों से संबंधित हालिया खबरों का भी जिक्र किया और कहा कि कांग्रेस नेतृत्व इन खुलासों से घबरा गया है।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘यह सामान्य मार्च नहीं है। यह मार्च तब निकाला जा रहा है जब आप पकड़े जाने वाले हैं और जांच आपकी दहलीज पर पहुंच रही है। आपको अच्छी तरह पता है कि कुछ दिन में आपकी कहानी पता चल जाएगी और देश की जनता जान जाएगी कि आप केवल भ्रष्टाचार के लिए ही हैं। इसलिए आपने यह मार्च का स्वांग रचा है।’’

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