मोदी सरकार के कटु आलोचक और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार को एक नसीहत दी है। स्वामी ने कहा कि तमिलनाडु में राष्ट्रपति शासन लगाने के बजाय मोदी सरकार मदुरै से सटे तीन जिलों में केंद्रीय बल को तैनात करे।

राज्यसभा सांसद ने रविवार को ट्वीट कर लिखा “तमिलनाडु में आज 2019 से पहले के कश्मीर की तरह राष्ट्र विरोधी बढ़ रहे हैं। इसपर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को रॉ/आईबी डोजियर दिया जाना चाहिए। राज्य में राष्ट्रपति शासन के बजाय केंद्र को मदुरै के तीन निकटवर्ती जिलों में सीआरपीएफ और बीएसएफ के केंद्रीय बलों को तैनात करना चाहिए।” स्वामी के इस ट्वीट पर यूजर्स अपनी प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं।

प्रदीप कांठन नाम के एक यूजर ने लिखा “अगर भाजपा सरकार में रही तो देश के कई राज्यों में ऐसे ही हालाट पैदा हो जाएंगे। यूनियनासिम- फेडरलिस्म की सोच अच्छी नहीं है।” इसपर स्वामी ने लिखा “भारत एक संघीय राज्य नहीं है। यह सहायक संघीय सिद्धांतों के साथ एकात्मक राज्य है।”

सिद्धार्थ नाम के एक यूजर ने लिखा “आप द्रविड़ लोगों की प्रगति को पचा नहीं पा रहे हैं। बेहतर होगा कि आप यूपी या बिहार में शिफ्ट हो जाएं, आपकी धार्मिक आधारित राजनीति के लिए ये राज्य सुरक्षित हैं।” एक यूजर ने लिखा “अप नेता नहीं एक कमेडियन हो। कोई आपको सिरियस नहीं लेता। अपना मज़ाक उड़वाना बंद करो।”

कुछ दिन पहले सुब्रमण्यन स्वामी ने ट्वीट कर राजधानी दिल्ली का नाम बदले जाने की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने द्रौपदी ट्रस्ट की डॉ. नीरा मिस्रा द्वारा किए गए एक शोध का भी हवाला दिया था। स्वामी में दिल्ली का नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ रखने की मांग उठाई थी।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि डॉ. नीरा मिस्रा के शोध में पाए गए तथ्य राजधानी के दोबारा नामकरण के लिए पर्याप्त हैं। इसके साथ ही स्वामी ने यह भी लिखा कि तमिलनाडु के एक महान ऋषि ने मुझे बताया था कि जबतक दिल्ली का नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ नहीं कर दिया जाता तबतक देश में विवादों की स्थिति बनी रहेगी।