अलग-अलग धड़ों में बंटी राजस्थान बीजेपी को अमित शाह क दौरा भी एक नहीं कर सका। जैसे ही गृह मंत्री जोधपुर एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना हुए, बीजेपी के सूबा अध्यक्ष सतीश पूनिया अपनी पदयात्रा पर निकल पड़े। खास बात है कि उनके साथ कोई भी सीनियर नेता या केंद्रीय मंत्री मौजूद नहीं है। पूनिया का एकला चलो की राह पर चलना दर्शाता है कि शाह का दौरा बेमतलब था।
अणित शाह जोधपुर में बार्डर टूरिज्म प्रोजेक्ट के उद्घाटन के लिए आए थे। इसके अलावा उन्होंने नेशनल ओबीसी वर्किंग कमेटी के साथ बूथ अध्यक्षों को भी संबोधित किया। सूत्रों का कहना है कि शाह ने इस दौरान राजस्थान बीजेपी के सभी नेताओं को एकजुट रहने को कहा। लेकिन पूनिया ने पदयात्रा निकालकर सभी को भौचक्का कर दिया। मतलब साफ है कि सब कुछ ठीक नहीं है।
पूनिया ने अपनी पदयात्रा दोपहर दो बजे जज्वला माता के दर्शनों के बाद गोमत गांव से शुरू की। वो तकरीबन 8 किमी चलकर शाम पांच बजे रामदेवरा में पहुंचे। हालांकि अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने नेताओं से यात्रा में शामिल होने की अपील की लेकिन उनके साथ कोई सीनियर नेता नहीं जुड़ सका। लेकिन उनके साथ लोकल लीडर्स जरूर आए। बाबा रामदेवरा के दर्शन कर उन्होंने देश और प्रदेश की समृद्धि की प्रार्थना की।
पदयात्रा में उनके साथ आने वाले नेताओं में विधायक पब्बाराम विश्नोई, पूर्व विधायक शैतान सिंह राठौड़, छोटू सिंह, महेंद्र प्रताप पुरी महाराज, चंद्रप्रकाश शारदा और जुगल किशोर व्यास मौजूद रहे। अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये उन्होंने साफ तौर पर इशारा दिया कि वो अपना मन नहीं बदलने वाले हैं।
ध्यान रहे कि इससे पहले 6 सितंबर को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कैलाश चौधरी ने पदयात्रा निकालने का ऐलान किया था। लेकिन आलाकमान के दखल के बाद उनका कार्यक्रम रद्द हो गया। कुछ नेताओं ने इस पदयात्रा को लेकर दिल्ली शिकायत भेजी थी। उसके बाद दोनों नेताओं को हिदायत जारी की गई।