कृषि कानूनों को लेकर देश में बहस आज भी जारी है। सरकार भले ही इसे वापस लेने की बात कह चुकी हो, लेकिन किसान कई अन्य मुद्दों पर अभी भी सरकार के खिलाफ खड़े हैं। इसी को लेकर एक टीवी डिबेट में भाजपा के प्रवक्ता, पीएम मोदी के पुराने सिफारिशों की याद दिलाने पर इधर-उधर की बातें करने लगे।

दरअसल आजतक पर दंगल नाम के शो में कांग्रेस के प्रवक्ता मुकेश शर्मा और भाजपा प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम एक दूसरे से उलझते दिख रहे थे। इसके बाद एंकर के रूप में मौजूद गौरव सावंत ने बीजेपी प्रवक्ता से पूछा कि जब प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री थे तब जो सिफारिशें की थीं, क्या उन सिफारिशों पर कानून बनना चाहिए?

इस सवाल पर जफर इस्लाम फंसते दिखे। उन्होंने अटकते हुए कहा- इसीलिए तो प्रधानमंत्री जी ने इस कमेटी का भी ऐलान किया। साथ ही साथ, उसी संबोधन में इस बात को भी कहा कि हम कमेटी का गठन करते हैं। 2011 से…आज जो 2021 में चल रहे हैं। उस कमेटी में जो है सारे चीजों को सॉल्यूशन निकाल लिया जाएगा। जो भी एमएसपी है, उसके अलावा आपने और भी डिमांड सुना। सारे चीजें एक बार किसान भाईयों के साथ बैठेंगे। हमारा मन बिल्कुल साफ है, हम उनके साथ बैठकर सब इशू को खत्म करेंगे”।

बता दें कि 2011 में तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह से मिलकर किसानों से जुड़े कुछ मुद्दों को उठाया था। तब मोदी एक उपभोक्ता मामलों से जुड़े एक ग्रुप की ओर से ये डिमांड लेकर पहुंचे थे। खुद मोदी उस ग्रुप के अध्यक्ष थे। इस रिपोर्ट में 20 सिफारिशें की गईं थीं, जिसमें एमएसपी भी शामिल था। इसको लेकर विपक्ष पहले ही मोदी सरकार पर हमलावर रहा है।

वहीं भाजपा प्रवक्ता से पहले कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने कृषि कानूनों को वापस लेने के सवाल पर इस डिबेट शो में कहा कि भाजपा का चुनाव में सुपड़ा साफ होने जा रहा है। इसी डर से सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है, वरना एक साल पहले कानूनों को वापस ले लिया गया होता।