काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी केस में दो दिन पहले ही वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक की कोर्ट ने विवादित परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट के इस फैसले के बाद अयोध्या की तरह अब ज्ञानवापी मस्जिद की भी खुदाई कर ASI मंदिर पक्ष के दावे की प्रमाणिकता को परखेगी। हालांकि, इस मुद्दे को लेकर अब बहस छिड़ गई है। एक टीवी डिबेट में भी देश में मंदिर की स्थिति जस-की-तस बनाए रखने को लेकर भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और मुस्लिम पॉलिटिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष तसलीम रहमानी भिड़ गए। जहां त्रिवेदी ने कश्मीर और अन्य राज्यों में तोड़े गए मंदिरों का विषय उठाया, वहीं रहमानी ने कहा कि सरकार को बंद की गई मस्जिदों को दोबारा खोलना चाहिए।

क्या बोले भाजपा प्रवक्ता?: सुधांशु त्रिवेदी ने वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद की खुदाई का विरोध कर रहे तसलीम रहमानी को जवाब देते हुए कहा, “आपने 1991 के धर्मस्थल कानून के बारे में कहा, जो कहता है कि 15 अगस्त 1947 के बाद राम जन्मभूमि के बाद सभी धार्मिक स्थलों की स्थिति यथावत रहनी चाहिए। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या आप कहने को तैयार हैं कि 1990 में जो मंदिर तोड़े गए कश्मीर में उन्हें दोबारा बहाल करेंगे। क्या आप कहने के लिए तैयार हैं कि मालदा, मल्लापुरम, धुबरी, बरपेटा में जितने मंदिर तोड़े गए सबको दोबारा बनाएंगे।

सुधांशु त्रिवेदी आगे बोले, “अगर किसी मंदिर की स्थिति यथावत रहनी है कि 1947 के बाद तो सभी का रहना चाहिए न। ये सेलेक्टिव क्यों हो रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “मेरे तीन सवाल हैं। कश्मीर के टूटे मंदिरों को बहाल करना चाहते हैं या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने जिन अवैध मजारों को हटाने के लिए कहा, उन्हें हटाने के लिए तैयार हैं या नहीं। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर नहीं होने चाहिए। उन्हें हटाने के लिए तैयार हैं। क्यों नहीं जवाब दे रहे हैं।

तसलीम रहमानी ने किया पलटवार: इस पर तसलीम रहमानी ने पलटवार करते हुए कहा, “क्या आप कहने को तैयार हैं कि देश में हजारों मस्जिदें बंद कर दीं, क्या आप खोलने को तैयार हैं। देश की हजारों मस्जिदों पर सरकारों ने ताला लगाया है, आर्काइव के नाम पर। क्या उन्हें खोलने के लिए तैयार हैं।

तसलीम रहमानी ने सुधांशु त्रिवेदी से पूछा, “बोलिए 16 हजार हेक्टेयर वक्फ की जमीन सरकार के कब्जे में है, छोड़ने को तैयार हैं क्या। हमारी मस्जिदों को बंद कर रहे हैं। आप खोलने को तैयार हैं।” रहमानी ने आगे कहा, “हजारों मस्जिदें बंद कर दीं, हजारों हेक्टेयर जमीन हड़प कर गई सरकारें। उन्हें खोलने को तैयार क्यों नहीं है।”