बजट पर टीवी चैनलों पर लगातार चर्चाएं चल रही हैं। इसको लेकर कई बार पैनलिस्ट आपस में ही लड़ना-झगड़ना शुरू कर देते हैं। डिबेट में सत्ता पक्ष के प्रवक्ता बार-बार बजट को देश हित तथा गरीब, किसान और महिलाओं के हित वाला बता रहे हैं तो विरोध कर रहे पैनलिस्ट इसे सरकार की झूठ का पुलिंदा बताने पर अडे हुए हैं।

रिपब्लिक भारत के कार्यक्रम पूछता है भारत में एंकर अर्नब गोस्वामी के साथ डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने जहां बजट की उपलब्धियां गिनाईं, वहीं दूसरे पैनलिस्टों ने इसे चुनावी बजट और किसान विरोधी कहा।

इस पर गौरव भाटिया ने पंच लाइन बोलते हुए कहा,” नहीं बंद होंगी मंडी, तभी चिंतित है सभी पाखंडी, ये सारे विपक्ष वाले है बहुत बड़े है पाखंडी।” कहा, “कांग्रेस के प्रवक्ता कह रहे थे, ये अभी बात कर रहे थे डिफेंस की, मैं उसी से शुरुआत करता हूं। सरकार ने हर क्षेत्र के लिए समग्र विकास के साथ बजट पेश किया है। हम लोग दूर से छोड़े हुए थोड़े हैं। हम सब भारतीय है।”

बोले, “आपने सही कहा कोविड की महामारी चल रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए 2,23,846 करोड़ रुपये का बजट है। इसमें मौजूदा वित्त वर्ष के 94,452 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय की तुलना में 137 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। कोविड-19 के टीकों के लिहाज से 35,000 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव है।”

उनके बोलने के दौरान कई बार दूसरे पैनलिस्ट अजय वर्मा, सतीश प्रकाश आदि अपनी बात रखना चाह रहे थे। इस पर व्यंग्य कसते हुए गौरव भाटिया ने कहा, “भाई साहब थोड़ा सा शांत हो सकते हैं क्या। अपनी-अपनी बारी में बोलिए, आप शांत हो जाइए। स्वच्छ भारत में टायलेट बन गए हैं खेतों में मत जाइए। आप घबड़ा गए हैं। अच्छा छोड़िए बताइए फिस्कल डेफिसिट कैसे कैलकुलेट होता है। बताइए, फिसकल डेफिसिट कैसे कैलकुलेट करते हैं। बताइए कैसे करते हैं कैलकुलेट, इसकी स्पेलिंग क्या है।” इस पर पैनलिस्ट अजय वर्मा ने कहा, “यह पढ़े-लिखे की बात नहीं है। मुद्दे पर बात करिए।”