नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा में कल विश्वास मत के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से समर्थन पाने में परहेज नहीं करने का संकेत देते हुए भाजपा ने आज कहा कि वह राज्य में कांग्रेस को छोड़कर किसी भी दल से सहयोग पाने का स्वागत करेगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता राजीव प्रताप रूडी ने यहां कहा कि वह ‘‘गड़बड़ियों की जिम्मेदार कांग्रेस को छोड़कर’’ सभी दलों से समर्थन पाने का स्वागत करेगी जिससे कि सरकार महाराष्ट्र के विकास के लिए काम कर सके और जनता की उम्मीदो को पूरा कर सके।
महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव होने तक राज्य के पार्टी प्रभारी रहे रूडी की इस टिप्पणी से साफ संकेत मिलता है कि भाजपा एनसीपी सहित गैर कांग्रेस दलों का समर्थन पाने के विरूद्ध नहीं है।
रूडी ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के विकास के लिए जो आगे आना चाहते हैं उनका स्वागत है। हम उन सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं जो महाराष्ट्र के विकास के लिए आगे आना चाहते हैं। मुझे उम्मीद है कि शिव सेना साथ आएगी।’’
शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह पार्टी पहले ही बिना शर्त समर्थन दे चुकी है।
इस सवाल पर कि क्या केन्द्रीय मंत्री अनंत गीते नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे देंगे और शिव सेना महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष में बैठेगी, रूडी ने कहा कि उन्हें गीते के इस्तीफे के बारे में जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव से पहले भी हम शिव सेना को साथ लेकर चलना चाहते थे और अब चुनाव के बाद भी उसे सरकार के हिस्से के रूप में देखना चाहते हैं।’’
शिवसेना के विरोधाभासी बयानों के बीच रूडी की यह टिप्पणी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। शिव सेना एक ओर कह रही है कि वह विधानसभा मे विपक्ष में बैठेगी और दूसरी ओर मेल-मिलाप की वार्ता के लिए भी राजी दिख रही है।
मुख्तार अब्बास नकवी के साथ संसदीय कार्य राज्य मंत्री का पदभार संभालने के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान रूडी ने ये बात कही।
शिव सेना ने कल अचानक महाराष्ट्र विधानसभा के सचिव को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया था कि उसके विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे को सदन में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिया जाए। इससे एक दिन पहले शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा से यह स्पष्ट करने को कहा था कि विश्वास मत हासिल करने में क्या वह एनसीपी का समर्थन लेगी।
विधानसभा सचिव को पत्र लिखने के कुछ ही घंटों के अंदर उद्धव ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के दर्जे का दावा इसलिए किया गया था कि कांग्रेस इस बिना पर इस पद पर दावा कर रही थी कि शिव सेना भाजपा नीत राजग सरकार का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस की चाल सफल हो जाती तो ‘‘हम कहीं के नहीं रहते’’ ।
महाराष्ट्र विधानसभा की अभी प्रभावी संख्या 287 है। इसमें भाजपा के 121, शिव सेना के 63, एनसीपी के 41 और कांग्रेस के 42 विधायक हैं।
बहुमत साबित करने के लिए भाजपा के पास 24 विधायकों की कमी है। सात निर्दलीय और कुछ अन्य छोटे दलों का समर्थन पाने की स्थिति में भी वह बहुमत के आंकड़े तक नहीं पंहुच रही है।
शिव सेना के विपक्ष में बैठने का निर्णय करने की स्थिति में कल विश्वास मत के दौरान देवेन्द्र फडणवीस सरकार के अस्तित्व में बने रहने के लिए 41 विधायकों वाली एनसीपी के सदस्यों का उसके समर्थन में मत देना या फिर अनुपस्थित रहना बहुत जरूरी है।