भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार (12 जुलाई) को ग्रेटर कूच बिहार पीपुल्स एसोसिएशन (जीसीपीए) के एक गुट के प्रमुख अनंत राय को पश्चिम बंगाल से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है और गुजरात से बाबूभाई जेसंगभाई देसाई और केसरीदेव सिंह झाला के नामों की घोषणा हुई है। राज्यसभा की खाली सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 13 जुलाई यानी कल है। वोटों की गिनती 24 जुलाई को होगी। गोवा की भी एक राज्यसभा सीट पर चुनाव होगा जहां विनय डी. तेंदुलकर 28 जुलाई को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं।
भाजपा ने अनंत राय (महाराज) बनाया उम्मीदवार, क्या है वजह?
अनंत राय महाराज कूच बिहार पीपुल्स एसोसिएशन (GCPA) के एक गुट के प्रमुख हैं। जीसीपीए की मांग रही है कि पश्चिम बंगाल से अलग ग्रेटर कूच बिहार राज्य बनाया जाए। इसने 1998 में अनंत राय को महाराज (राजा) की उपाधि प्रदान की थी। 60 वर्षीय अनंत राय खुद को राजबंशी राजवंश का वंशज होने का दावा करते हैं, उनके बारे में कहा जाता है कि उनका असम और पश्चिम बंगाल के सात जिलों में लगभग 20 लाख राजबंशी मतदाताओं के बीच काफी प्रभाव है। राजबंशी समुदाय पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा अनुसूचित जाति समूह है, जो उत्तरी बंगाल की आबादी का लगभग 30% है।
भाजपा ने 2019 के राष्ट्रीय चुनावों में उत्तर बंगाल में पैठ बनाई थी, तब पार्टी ने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर जीत हासिल की थी और भाजपा का यह दबदबा 2021 के विधानसभा चुनाव में भी दिखाई दिया था, जहां पार्टी ने 54 में से 30 सीटें जीतीं थी। भाजपा ने यह कामयाबी राजबंशियों के समर्थन को पाकर ही हासिल की थी।
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परंपरागत तौर पर यह ज़्यादातर राजबंशियों ने राज्य में अपने 34 साल के शासन के दौरान वाम मोर्चा सरकार का समर्थन किया था। धीरे-धीरे यह परंपरा बदली और 2011 में वह TMC का समर्थन करने लगे। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनावों में उनका समर्थन भाजपा के हिस्से में गया।
विधानसभा चुनाव-2021 से पहले ममता बनर्जी ने तीन नई पुलिस बटालियनों के गठन की घोषणा की थी, जिसमें कूच बिहार की नारायणी बटालियन भी शामिल है, जो राजबंशियों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी। भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र ने तब समुदाय के एक सेवानिवृत्त शिक्षक धर्म नारायण बर्मा को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। इस समुदाय का प्रभाव इतना ज़्यादा है कि तमाम राजनीतिक दल इसे लुभाने का प्रयास करते हैं। यह जानना भी जरूरी है कि बंगशीबदन बर्मन की अध्यक्षता वाला जीसीपीए का दूसरा गुट सालों से टीएमसी के साथ है।
क्या बोले अनंत राय
अनंत राय ने राज्यसभा के लिए उनका नाम सामने आने के बाद कूच बिहार पीपुल्स एसोसिएशन (जीसीपीए) की बंगाल से अलग होने की मांग पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। अनंत राय ने कहा, “मैं खुश हूं, हर बात को कहने का अपना वक्त होता है”,
जीसीपीए ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में कूच बिहार को शामिल करना केंद्र सरकार और आजादी से पहले इस क्षेत्र पर शासन करने वाले कोच-राजबंग्शी राजवंश के महाराजा जगदीपेंद्र नारायण के बीच अगस्त 1949 में हस्ताक्षरित संधि का उल्लंघन था। 2021 में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल और असम चुनावों से पहले राय से मुलाकात की, जो असम के चिरांग के सतीपुर में एक आलीशान घर में रहते हैं।