BJP Tamil Nadu Plan: तमिलनाडु में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी तमिलनाडु में भी एनडीए गठबंधन का विस्तार कर रही है और नए दलों को शामिल करके चुनाव में सत्तधारी पार्टी डीएमके के गठबंधन को चुनौती देने की कोशिश कर रही है। इसके लिए पार्टी ने “मिशन मोड” रणनीति अपनाई है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आगामी चुनाव में डीएमके विरोधी वोट विभाजित न हों।
बीजेपी यहां हर जाति वर्ग के लोगों को साधने के लिए अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप दे रही है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि वोटों के विभाजन को रोकने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिससे सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) को फायदा हो सकता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए BJP एनडीए के दायरे में छोटे दलों को शामिल करने पर काम कर रही है।
गठबंधन की एकता को हो सकती प्रभावित
AIADMK सूत्रों के अनुसार ईपीएस ने अमित शाह से कहा कि बीजेपी को अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेताओं को पार्टी में शामिल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे गठबंधन की एकता प्रभावित हो सकती है। इसके बावजूद दोनों दलों ने सत्तारूढ़ द्रमुक सरकारुन से जुड़े जन मुद्दों के समाधान के लिए अगले महीने से एक संयुक्त अभियान शुरू करने पर सहमति जताई है।
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पूर्व उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) के बारे में सूत्रों का कहना है कि बीजेपी उन्हें अपने पाले में लाने के लिए इच्छुक है। खबरों के मुताबिक ओपीएस दिसंबर के अंत या जनवरी में बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, जिसको लेकर अन्नाद्रमुक की नाराजगी भी दिख सकती है। तमिल सुपरस्टार विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) को एनडीए में शामिल करने पर भी बहस चल रही है।
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दोनों के बीच छोटे दलों को लेकर चल रही बातचीत
एआईएडीएमके का मानना है कि पिल्लई जाति से आने वाले विजय अगाड़ी जाति के वोट ला सकते हैं। हालांकि, बीजेपी अभी इसके पक्ष में नहीं है, क्योंकि उसका मानना है कि विजय केवल डीएमके के वोटों में सेंध लगाते हैं। टीटी दिनाकरन और पट्टाली मक्कल कच्ची (पीएमके) को लेकर बीजेपी और अन्नाद्रमुक के बीच मतभेद जारी हैं। पिछले चुनावों में पीएमके एनडीए का हिस्सा थी। सूत्रों का कहना है कि अगर ईपीएस दिनाकरन को अन्नाद्रमुक के पाले में वापस नहीं लाते हैं, तो बीजेपी चाहती है कि दिनाकरन की पार्टी एनडीए में शामिल हो जाए।
दिनाकरन को लेकर क्या है बीजेपी की सोच?
बीजेपी के रणनीतिकारों का मानना है कि थेवर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दिनाकरन एनडीए को मज़बूत कर सकते हैं। इसके अलावा सूत्रों के अनुसार, यह भी संभावना है कि उनकी बुआ, दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की करीबी सहयोगी वीके शशिकला, एनडीए के पक्ष में प्रचार कर सकती हैं। 2021 का विधानसभा चुनाव एआईएडीएमके की जयललिता और डीएमके के एम करुणानिधि के निधन के बाद पहला चुनाव था, ये दोनों नेता दशकों तक तमिलनाडु की राजनीति पर हावी रहे थे।
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