Bengal Politics: पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी 2021 के विधानसभा चुनावों से लेकर हाल के लोकसभा इलेक्शन तक लगातार मिली नाकामयाबी के मद्देनजर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से मुकाबला करने के लिए अपनाई जाने वाली रणनीति को लेकर असमंजस में दिख रही है। एक तरफ तो प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और कुछ अन्य पार्टी नेताओं ने उत्तर बंगाल के जिलों को मिलाकर एक अलग राज्य या केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग उठाई है। वहीं दूसरी तरफ विधानसभआ में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इसे खारिज कर दिया है। पार्टी नेताओं में एकमत नहीं नजर आ रहा है।

लोकसभा इलेक्शन के तुरंत बाद सुकांत मजूमदार ने राज्य के बंटवारें की मांग की। 24 जुलाई को मजूमदार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर में शामिल करने की अपील की। ​​दिल्ली से जारी एक वीडियो बयान में मजूमदार ने कहा कि मैंने पीएम से मुलाकात की और एक प्रेजेंटेशन दिया था। इसमें बताया गया था कि उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों के बीच कई सारी चीजें एक जैसी है। मजूमदार ने कहा कि उनसे बंगाल के एक हिस्से उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर में शामिल करने का आग्रह किया।

विकास के लिए मिल पाएगा पैसा- सुकांत मजूमदार

सुकांत मजूमदार ने कहा कि इस तरह लोगों के विकास के लिए सही तरह से पैसा मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि राज्य सरकार को इससे कुछ भी परेशानी होगी। इस पर टीएमसी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। मजूमदार के प्रस्ताव का दार्जिलिंग के बीजेपी सांसद ने भी समर्थन किया था और कहा कि उत्तर बंगाल में काफी सारे संसाधन मौजूद हैं। लेकिन उनको बजट में भी काफी कम हिस्सा मिलता है।

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अनंत महाराज के नाम से मशहूर बीजेपी सांसद नागेंद्र रे ने भी उत्तर बंगाल से अलग कूच बिहार राज्य बनाने की मांग की है। रे ग्रेटर कूच बिहार पीपुल्स एसोसिएशन के नेता भी हैं। यह एसोसिएशन उत्तर बंगाल और असम के कुछ हिस्सों को मिलाकर राजबंशी समुदाय के लिए अलग राज्य बनाने की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से कूच बिहार के लोगों के साथ जो अन्याय हुआ है, उसे अब सही किया जाना चाहिए। इसी बीच, भारतीय जनता पार्टी के मुर्शिदाबाद विधायक गौरीशंकर घोष ने पार्टी सांसद निशिकांत दुबे की बंगाल, बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग का समर्थन किया।

सुवेंदु अधिकारी ने अपनाया अलग रुख

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को सबसे अलग रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि वह राज्य के बंटवारे का समर्थन नहीं करते हैं। मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर का हिस्सा बनाने की मांग करने वाले अपने सांसदों की टिप्पणियों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधने के बाद अधिकारी ने विधानसभा के बाहर कहा कि बंगाल का बंटवारा हमारी पार्टी का रुख नहीं है।

अधिकारी ने कहा कि यह सच है कि उत्तर बंगाल में बहुत ज्यादा वंचित लोग हैं। इस (TMC) सरकार को उत्तर बंगाल का विकास तय करना है। उन्हें उत्तर बंगाल में एम्स और आईआईटी जैसे संस्थान बनाने चाहिए। बीजेपी उत्तर बंगाल के लोगों की मांग का समर्थन करती है। उनका प्रशासनिक काम उत्तर बंगाल में ही होना चाहिए।

इससे पहले सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी के नेताओं के बयानों की जमकर आलोचना की। सीएम बनर्जी ने कहा कि चार केंद्रीय मंत्रियों ने उत्तर बंगाल के बंटवारे की बात कही। मैं इसकी निंदा करती हूं। बंगाल का बंटवारा करने के लिए आइए, मैं आपको बताऊंगी कि इसे कैसे रोका जाए। उन्होंने कहा कि बंटवारे का मुद्दा चुनाव खत्म होने के बाद ही उठाया जाता है। एक शख्स कहता है कि मुर्शिदाबाद-मालदा को तोड़ दो। कोई कह रहा है, असम के तीन जिलों के साथ कुछ नया करो। कोई फिर से उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर राज्यों में मिलाने की मांग कर रहा है।

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बंगाल में कोई साफ रणनीति नहीं

बीजेपी सूत्रों ने कहा कि पार्टी के पास दूसरे राज्यों के उलट बंगाल के लिए साफतौर पर कोई भी रणनीति नहीं है। बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व केवल विकास चाहता है। लेकिन पार्टी चुनावों में उम्मीदों से कम रही। इसलिए नेताओं में यह भ्रम है कि राज्य के लिए योजनाओं के साथ कैसे आगे बढ़ना है। बीजेपी नेता ने कहा कि अगर हम इस तरह के बयान देने से नहीं बचेंगे तो हम राज्य में और भी जमीन खो देंगे। सुवेंदु अधिकारी ने सही कहा है कि बंगाल के बारे में हमारी पार्टी का रुख क्या होना चाहिए। हम बंगाल का कोई भी बंटवारा नहीं चाहते हैं।

टीएमसी ने बीजेपी नेताओं को जमकर टारगेट किया है। वरिष्ठ टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि जब भी वे चुनाव हारते हैं, तो वे इस तरह का रोना रोते हैं। 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद उनके नेताओं ने कहा कि उत्तर बंगाल को एक अलग राज्य या केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने वहां से ज्यादा सीटें जीती थीं। लोकसभा इलेक्शन के बाद वे वही मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं का दिमाग खराब हो गया है और वे बंगाल में अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं।