प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने देश में वित्तीय संकट और बेरोजगारी सरीखी अहम चुनौतियों से निपटने की योजना बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। बुधवार (पांच जून, 2019) को पीएम मोदी ने अपनी अध्यक्षता में 15 मंत्रियों के दो नए कैबिनेट पैनल (समिति) बनाकर आर्थिक विकास, निवेश और नौकरियों के सृजन के मसले पर सुझाव मांगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इन दो कैबिनेट कमेटियों में पहली निवेश और विकास के मोर्चे पर ध्यान देगी। गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परविहन और राज मार्ग मंत्री नितिन गडकरी और रेल मंत्री पीयूष गोयल इस समिति का हिस्सा होंगे।
वहीं, 10 सदस्यों वाली दूसरी कमेटी रोजगार और कौशल विकास पर फोकस रहेगी। इस समिति में शाह, सीतारमण, गोयल के अलावा केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कौशल व उद्यम मंत्री महेंद्र नाथ पांडे और श्रम राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार के साथ आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं।
दरअसल, नई सरकार के लिए अर्थव्यवस्था चिंता का अहम विषय इसलिए भी है, क्योंकि एनएसएसओ के आंकड़ों के अनुसार 2018-19 की आखिरी तिमाही में यह गिरकर 5.8 फीसदी पर आ पहुंची, जबकि बीते वित्त वर्ष में 7.2 फीसदी के लक्ष्य पर जीडीपी लगभग 6.8 प्रतिशत थी।
उधर, रोजगार की बात करें तो आम चुनाव के कुछ दिन बाद ही पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) की वार्षिक रिपोर्ट जारी हुई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि देश में बेरोजगारी दर 6.1 प्रतिशत (जुलाई 2017-जुलाई 2018 के बीच) रही, जो कि 45 सालों में सबसे अधिक है।
सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति गठितः सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) का बुधवार को गठन कर दिया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामलों को देखने वाली इस महत्वपूर्ण समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे। रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री इसके सदस्य होंगे। सरकार में सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली मौजूदा सीसीएस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदस्य होंगे। मंत्रिमंडलीय समितियों का गठन अथवा पुनर्गठन नई सरकार के बनने या जब मंत्रिमंडल में फेरबदल होता है, तब किया जाता है।

