मणिपुर में हुए सेना के काफिले पर हमले में अब चीन से कनेक्शन की बात भी सामने आ रही है। इस हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए थे। जिसमें एक कर्नल और उनका परिवार भी शामिल है। इस हमले को लेकर मोदी सरकार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष के साथ-साथ पीएम के अपने ही सांसद उन्हें घेरने की कोशिशों में लगे हैं।

बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस हमले में चीन का कनेक्शन होने की आशंका पर पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा है कि कोई आया ही नहीं। दरअसल स्वामी पीएम के उस बयान पर निशाना साध रहे थे, जब उन्होंने लद्दाख में सीमा विवाद और चीन के अतिक्रमण करने पर कहा था कि हमारी सीमा में कोई नहीं आया है।

मणिपुर में म्यांमार सीमा के पास हुए एक घातक हमले के बाद से पूर्वोत्तर में विद्रोहियों को चीन का संभावित समर्थन फिर से मिलने की आशंका जताई जा रही है। एचटी की एक रिपोर्ट के अनुसार यह पहली बार नहीं है जब विद्रोही समूहों के साथ चीनी संबंध जांच के दायरे में आए हैं। चीन की भागीदारी के बारे में अक्टूबर 2020 में भी सवाल उठाए गए थे। उस समय चीन ने ताइवान के साथ भारत के व्यापार समझौते के खिलाफ चेतावनी दी थी। जब बीजिंग ने कहा था कि वो पूर्वोत्तर में अलगाववादियों का समर्थन करके जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इसके साथ ही सिक्किम को भारत के हिस्से के रूप में मान्यता देना भी बंद कर सकता है।

द रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ) जिसके अंदर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी मणिपुर भी ऑपरेट होता है- ने मणिपुर नागा पीपुल्स फ्रंट के साथ संयुक्त रूप से हमले की जिम्मेदारी ली है। जानकारी के अनुसार इस हमले में कम से कम 15 आंतकी शामिल थे। इस संगठने के बारे में कहा जाता है कि ये हमला करके म्यांमार भाग जाते हैं। इस संगठन के साथ चीन के तार भी जुड़े हुए हैं।

बता दें कि आतंकवादियों ने शनिवार को मणिपुर के चुराचंदपुर जिले में असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर हमला किया था। असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी और उनकी टीम बेहियांग सीमा चौकी से लौट रहे थे और खुगा में बटालियन मुख्यालय की ओर जा रहे थे। तब उनपर ये हमला हुआ था। इस हमले में विप्लव त्रिपाठी के साथ-साथ उनकी पत्नी और आठ साल के बेटे की भी मौत हो गई।