भारत-चीन सीमा विवाद पर हमेशा मुखर रहने वाले भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार पर एक बार फिर बड़ा हमला बोला है। इस दौरान स्वामी ने किसान आंदोलन का भी जिक्र किया, जो पिछले लगभग एक साल से चल रहा है।

सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा है कि अगर केंद्र सरकार, किसानों के सामने जैसी जिद्दी बननी हुई है, अगर वैसी ही जिद चीन के सामने करती तो शायद बात कुछ और होती। उन्होंने कहा- यदि मोदी सरकार किसानों के प्रति अपनी जिद के 1/10वां भाग भी चीन (जिसने 2013 के 1000 वर्ग किलोमीटर सहित लद्दाख के 3000 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर लिया है, और मोदी को भारत की निर्विवाद भूमि का हिस्सा एक विसैन्यीकृत क्षेत्र में बनाने के लिए राजी कर लिया है) के सामने रखती तो शायद वह झुक सकता था”।

दरअसल लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद चल रहा है। कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन मामला अनसुलझा ही है। अब इस गतिरोध के लिए चीन, भारत को जिम्मेदार ठहरा रहा है। जबकि विवाद की शुरूआत उसी ने की थी। स्वामी इसी मुद्दे को लेकर सरकार को घेर रहे हैं। इससे पहले भी स्वामी, चीन के प्रति भारत की नीति को लेकर लगातार आलोचना करते रहे हैं।

इससे पहले चीन के उस सीमा कानून पर तंज कसते हुए स्वामी ने सरकार पर निशाना साधा था, जिस कानून से द्विपक्षीय सीमा प्रबंधन समझौतों पर प्रभाव पड़ सकता है। स्वामी ने कहा था- हमारी जमीन बचाने के लिए अंध भक्तों और गंधभक्तों को लद्दाख में बसाया जाए। ईश्वर नमो नमन का 1008 बार जाप करें। कोई नहीं”।

बीजेपी सांसद अब इस विवाद पर सीधे पीएम मोदी पर निशाना साधते दिख रहे हैं। उन्होंने एक और ट्वीट में कहा था- “आप इसके लिए नेहरू को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। बीजेपी को इस गलती को सुधारने के लिए वोट दिया गया था न कि इस मुद्दे पर वापस जाने के लिए।”

स्वामी, चीन के साथ-साथ किसान आंदोलन को लेकर भी सरकार को सुझाव देते रहे हैं। हालांकि सरकार की तरफ से जब स्वामी के इन सुझावों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। तब स्वामी ने हैरानी जताते हुए कहा था कि अगर सरकार उनके सुझाव को मान ले तो किसान आंदोलन को खत्म किया जा सकता है।