भारतीय जनता पार्टी इस वक्त 2022 के विधानसभा चुनावों को लेकर तैयारी में जुटी है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन चुनावों के लिए कमर कस चुके हैं। यूपी में तो दो दिन पहले ही उन्होंने योगी सरकार की पीठ थपथपाई और राज्य में चुनावी बिगुल फूंक दिया। माना जा रहा है कि भाजपा को 2024 में बड़ी जीत हासिल करने के लिए यूपी जीतना बहुत जरूरी है। इसी को लेकर रविवार को भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का भी बयान आया। उन्होंने कहा कि यह दोनों ही चुनाव (2022 यूपी विधानसभा और 2024 आम चुनाव) हिंदुत्व की कसौटी पर भाजपा नेताओं की वफादारी की परीक्षा होंगे।
क्या रहा सुब्रमण्यम स्वामी का पूरा बयान?: आर्थिक मामलों से लेकर विदेश मसलों और हिंदुत्व तक पर अपनी ही पार्टी के नेतृत्व को घेरने वाले भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, “हाल ही में मैंने ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ मंदिर को ठीक किए जाने में आ रही अड़चनों की समीक्षा की। यह मुद्दा 2022 के विधानसभा चुनाव और 2024 के 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए बेहद अहम होगा। यह दोनों ही चुनाव हिंदुत्व की कसौटी पर भाजपा नेताओं की वफादारी की परीक्षा होंगे।”
स्वामी के ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने की टिप्पणी: भाजपा सांसद के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने कई टिप्पणियां कीं। @smpathi ने लिखा, “आपकी ओर से घोटालों को उठाने की कोशिश और हिंदुत्व को राष्ट्रीय एजेंडा बनाना, इन्हीं चीजों से भाजपा सत्ता में आई। समझ में नहीं आता कि पार्टी आपको इसमें एक गौरवपूर्ण जगह क्यों नहीं दे रही। यहां तक कि जीत के बाद पैदा हो रहे नए नेताओं को भी इनाम मिल रहा है। यह गलत है।”
एक और यूजर @LP85051804 ने लिखा, “लगता है हम सभी को अभी (मंदिर पुनर्निर्माण) के लिए इंतजार करना होगा। कूटनीतिक अहमियत वाले सभी मामले अभी सुलझाए जा रहे हैं। फिलहाल सरकार का ध्यान कोरोनावायरस और शैतान चीन पर है।” वहीं, महेश नाम के व्यक्ति ने लिखा., “पर आपकी पार्टी आपकी ही सोच को अहमियत नहीं देती। तमिलनाडु में भाजपा को लाने की आपकी थ्योरी को पार्टी ने ही इग्नोर कर दिया। लेकिन यूपी हारने से 2024 में भाजपा विरोधी गठबंधन को ताकत मिलेगी।”
पहले भी हिंदुत्व पर मुखर रहे हैं सुब्रमण्यम स्वामी: सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि यह पार्टी हिंदुत्व से पैदा हुई है। इससे हट जाओगे तो फिर काम नहीं होगा। कार्यकर्ता नाराज़ हो जाएंगे। हमारी पार्टी की मूल विचारधारा हिंदुत्व की होनी चाहिए। हम कांग्रेस जैसी राजनीति नहीं कर सकते। कार्यकर्ता गया तो वाजपेयी के जैसा हाल होगा…। आप लोगों के बीच में, वो तो बहुत लोकप्रिय थे, पर इतनी बुरी तरह हारे क्योंकि कार्यकर्ताओं ने काम नहीं किया।”