अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर सुब्रमण्यम स्वामी इन दिनों अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे हैं, अर्थव्यवस्था से लेकर विदेश मामलों तक पर वह मोदी सरकार की आलोचना करने से गुरेज नहीं करते हैं। सोमवार को ट्विटर के माध्यम से एक बार फिर स्वामी की नाराजगी देखने को मिली। उन्होंने पीएम का नाम लिए बिना उन्हें ईर्ष्यालु और हीन भावना से ग्रसित बताया। इतना ही नहीं स्वामी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी नाकामयाब बताया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर का घेराव करते हुए स्वामी ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि एक JNU से पढ़ाई लिखाई करके बाहर निकला शख्स जोकि नौकरशाह से विदेश मंत्री का सफर किया हो, वह छोटे से द्वीप सिंगापुर में प्रधानमंत्री समेत 8 मंत्रियों से अलग अलग मिलता है लेकिन खाली हाथ लौट आता है। उन्होंने तंजात्मक लहजे में पूछा कि सिंगापुर के बाद अगला टारगेट सेशेल्स है। बताते चलें कि सेशेल्स एक छोटा सा देश है जो दो छोटे द्वीपों को जोड़कर बना है।
यहां उनके ट्वीट पर एक यूजर ने कहा कि सर आपको देश का वित्त मंत्री होना चाहिए। यहां स्वामी की नाराजगी और खुलकर बाहर आई। उन्होंने यूजर का जवाब देते हुए कहा कि एक पढ़ा लिखा मंत्री तभी बेहतर परफॉर्म कर सकता है जब प्रधानमंत्री में ईर्ष्या और हीन भावना न हो और न ही क्रेडिट लेने जैसी कोई बीमारी हो।
यहां उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इसीलिए मोरारजी देसाई बेहतर कदम नहीं उठा पाए थे जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। डॉक्टर अंबेडकर और एसपी मुखर्जी भी जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्री रहने के दौरान सही फैसले नहीं ले पाए थे।
स्वामी के इन तेवरों को देखकर यूजर पीएम मोदी के नाम लेकर पूछने लगे कि क्या आप, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात कर रहे हैं तो इसके जवाब में उन्होंने सिर्फ ‘वेटर’ शब्द लिखा। बताते चलें कि प्रधानमंत्री अपने आप को प्रधानसेवक बताते रहे हैं। स्वामी अर्थव्यवस्था को लेकर किए गए फैसलों पर भी सरकार की जमकर आलोचना करते रहे हैं।