भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने राष्ट्रपिता महात्मां गांधी की मौत को लेकर कहा कि गांधीजी के शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं हुआ था? बीजेपी सांसद ने बापू के हत्या के नए सिरे से जांच की मांग की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह पूरी तरह से साबित नहीं किया जा सका है कि बापू को नाथूराम गोडसे ने गोली मारी थी।
स्वामी ने ट्वीट किया, “पहला सवाल: गांधीजी के शव का पोस्टमार्टम या ऑटोप्सी क्यों नहीं हुआ? दूसरा: आभा और मनु से प्रत्यक्षदर्शी के रूप में अदालत में पूछताछ क्यों नहीं की गई? तीसरा: गोडसे की रिवाल्वर में कितने खाली चैम्बर हैं? इटैलियन रिवाल्वर “पता नहीं चला” !! क्यों? हमें इस मामले को फिर से खोलने की जरूरत है।”
स्वामी ने एक और ट्वीट कर कहा, “एसोसिएट प्रेस इंटरनेशनल जर्नलिस्ट का पेज 52 पर बयान: उसने 5:05 PM पर चार शॉट सुना [तीन नहीं, जैसा कि पब्लिक प्रोसिक्यूटर (पीपी) ने बाद में कोर्ट में बताया]। गोडसे ने दिखाया कि उसने केवल 2 फायर किए। उसी एपीआई पत्रकार ने कहा कि 5:40 PM पर बिरला हाउस में गांधी को मृत घोषित किया गया। इसका मतलब वे 35 मिनट तक जीवित थे।”
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में गांधी की हत्या की जांच की मांग करने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया था। यह अक्टूबर 2017 में एक आई-टी प्रोफेशनल डॉ पंकज कुमुदचंद्र फडनीस द्वारा दायर किया गया था। याचिका में कहा गया था कि हत्या की जांच की जरूरत थी क्योंकि इस बात पर कुछ अस्पष्टता थी कि क्या गांधी की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे ने चौथी गोली चलाई थी?
याचिका में यह भी कहा गया था कि दो कथित साजिशकर्ता – गोडसे और नारायण दत्तात्रेय आप्टे – को 15 नवंबर 1949 को फांसी दी गई थी। इसके ठीक 71 दिन बाद 26 जनवरी, 1950 को सुप्रीम कोर्ट अस्तित्व में आया था। इसका मतलब यह था कि साजिशकर्ता या उनके परिवार को पूर्वी पंजाब के उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने का मौका नहीं मिला था। इस प्रकार, याचिकाकर्ता ने दावा किया कि “गांधी हत्या के मुकदमे को अभी तक कानूनी रूप से पूरा नहीं किया गया है”।

