भारत और चीन के बीच हाल ही में सीमा को लेकर विवाद शुरू हुआ है। दोनों देशों के बीच सीमाओं को लेकर अपना परिप्रेक्ष्य है। इसलिए यह विवाद काफी पुराने हैं। हालांकि, हाल ही में भारत का सीमा को लेकर पड़ोसी नेपाल से भी पहली बार विवाद हुआ है। इस पर भारत की तरफ से राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने नेपाल के साथ छोटे भाई की तरह बर्ताव करने के लिए कहा है। स्वामी ने ट्वीट कर कहा है कि विदेश मंत्रालय के राजनयिकों को नेपाली समकक्षों के साथ मीठी भाषा अपनानी चाहिए।

दरअसल, भारत ने कुछ समय पहले अपना नया नक्शा जारी किया है। नेपाल का कहना है कि इसमें एक इलाका उसकी सीमा में हैं और भारत इन्हें अपने नक्शे में दिखा रहा है। इस पर नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने आक्रामक बयान दिए। ओली ने दावा किया कि नेपाल-भारत और तिब्बत के ट्राई जंक्शन पर स्थित कालापानी का इलाका उसके क्षेत्र में आता है। यहां से भारत अपनी फौजें हटा ले।

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नेपाल की इन हरकतों पर ही सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को अपने विदेश मंत्रालय के राजनयिकों से कहना चाहिए कि वे नेपाली समकक्षों से मीठी बोली बोलें। नेपाली हमारे खून के रिश्ते के छोटे भाई हैं। अगर नेपालियों को अलग-थलग महसूस हो रहा है, तो हमें मजबूत कंधों से इसे पहचानना चाहिए और उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।”

गौरतलब है कि नेपाल ने हाल ही में भारत को भड़काने के लिए नया नक्शा तैयार किया, जिसमें विवादित लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल के क्षेत्र में दिखाया गया है। इसी हफ्ते पीएम केपी शर्मा ओली के नेतृत्‍व में कैबिनेट की बैठक के दौरान इस मैप को मंजूरी दी गई है। हालांकि, भारत ने अब तक इन वाकयों पर कोई खास ध्यान नहीं दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना संकट खत्म होने के बाद वह इन मुद्दों को नेपाल के साथ बातचीत के जरिए हल करेगा।