भाजपा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी विभिन्न मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान भी उन्होंने मोदी सरकार, उनकी आर्थिक नीतियों और कांग्रेस को लेकर अपने विचार खुलकर साझा किए। दरअसल जी न्यूज के कार्यक्रम इंडिया का डीएनए के दौरान भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा कि उन्हें मोदी सरकार से कुछ शिकायते हैं, लेकिन एक बार फिर से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बनेंगे। ईमानदारी से अपनी राय रखते हुए स्वामी ने कहा कि वह नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से खुश नहीं हैं, टैक्स में बढ़ोत्तरी हुई है। इस साथ ही उन्होंने कहा कि नोटबंदी एक अच्छी योजना थी, लेकिन उसे ठीक तरह से लागू नहीं किया गया।
मनमोहन सिंह को सराहाः सुब्रमण्यन स्वामी ने देश के मौजूदा वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली पर निशाना साधा और कहा कि अरुण जेटली, अर्थशास्त्र के बारे में नहीं जानते। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम भी अर्थशास्त्र नहीं जानते थे। मनमोहन सिंह ने बतौर वित्त मंत्री अर्थशास्त्र की अच्छी समझ रखते थे। स्वामी से जब पूछा गया कि उन्होंने भाजपा द्वारा चलाए जा रहे कैंपेन के तहत अपने नाम के आगे ट्विटर पर ‘चौकीदार’ क्यों नहीं लगाया? इसके जवाब में स्वामी ने कहा कि वह एक ब्राह्मण हैं और इसलिए वह चौकीदार नहीं बन सकते।
‘राम मंदिर मुद्दे पर नहीं हो सकता मध्यस्थता’: जब सुब्रमण्यन स्वामी से पूछा गया कि यदि आगामी चुनावों में भाजपा जीतती है तो क्या यह ‘ब्रांड मोदी’ की जीत होगी। इसके जवाब में स्वामी ने कहा कि ‘ब्रांड मोदी’ मीडिया का गढ़ा हुआ है। यह भाजपा के संगठन और उसकी राष्ट्रवादी नीतियों की जीत होगी। ऐसे वक्त में जब देश सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से जूझ रहा है, ऐसे वक्त में मतदाता एक मजबूत सरकार चुनेंगे। कार्यक्रम के दौरान भाजपा सांसद ने कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना NYAY को भी यह कहकर नकार दिया कि इसके लिए कोई योजना नहीं बनायी गई है। राम मंदिर मुद्दे पर मध्यस्थता के सवाल पर स्वामी ने कहा कि मध्यस्थता वहां हो सकती है, जब दोनों पक्ष अपने-अपने दावे से कुछ छोड़ने को तैयार हों। लेकिन यह मुद्दा हिंदुओं की आस्था से जुड़ा है, इसलिए इस मुद्दे पर समझौता नहीं हो सकता।
