बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गीतकार मनोज मुंतशिर का एक वीडियो शेयर कर कहा कि देश के बच्चों को अभी असली इतिहास पढ़ाया जाना बाकी है। मोदी सरकार जागो। वीडियो शेयर कर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने लिखा, ‘भारत के इस इतिहास को अभी पढ़ाया जाना बाकी है। मोदी सरकार जागो।’
वीडियो में गीतकार मनोज मुंतिशर कहते दिख रहे हैं, ‘भारत के वीरों की तलवारें कभी सोयी नहीं रहीं। अकबर क्या, किसी भी मुगल बादशाह ने पूरे भारत पर राज किया ही नहीं। दिल्ली सल्तनत नाम की चीज नहीं थी। मुगल अलग-अलग राजाओं के साथ मिल इस देश पर राज करते थे। साम्राज्य या सल्तनत जैसा शब्द मजाक से ज्यादा कुछ नहीं है। महरौली से लेकर यमुना तक राज करने वाले लुटेरों को हमने जरूरत से ज्यादा इज्जत दे दी। असली शूरवीरों को भुलाकर हमने इन अपराधियों को हीरो बना दिया।’
गीतकार ने कहा, ‘साम्राज्य था मगध, चोल,चेरा और पांड्य, मुगल थोड़े ही। अगर हम सच में मुगलों , लोदियों, तुर्कों, खिलजियों के गुलाम रहे होते तो सनातन धर्म और हिंदुत्व का नामोनिशान मिट गया होता। भारत कभी और देशों की तरह गुलाम नहीं रहा। वरना हिंदू कबके मिट गए होते। भारत के वीरों ने कभी चूड़ियां नहीं पहनीं थीं। बड़े ही सोच समझकर प्रायोजित तरीके से हिंदुओं में भावना भरी गई कि वे कमतर हैं, कमजोर हैं।’
This the history of India that is yet to be taught. Wake up Modi Govt. pic.twitter.com/2xLGBthA5e
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 22, 2021
उन्होंने कहा, ‘ मुगलों और दिल्ली सल्तनत के बारे में इतना सारा पढ़ा दिया गया। महाराणा हमीर सिंह ने मोहम्मद बिन तुगलक को कैद में रखा ये क्यों नहीं बताया गया। महाराणा कुंभा ने खिलजी को बंदी बनाया ये क्यों नहीं बताया। राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराया ये क्यों नहीं बताया। बब्बर रावल ने मोहम्मद बिन कासिम को दौड़ा-दौड़ा कर ईरान तक मारा था ये क्यों नहीं बताया गया।’
इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने बी एस येदियुरप्पा को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से हटाने के खिलाफ पार्टी नेतृत्व को आगाह किया। राज्यसभा सदस्य स्वामी ने ट्वीट किया, ‘‘येदियुरप्पा ही थे जो सबसे पहले कर्नाटक में भाजपा को सत्ता में लाये थे। कुछ ने उन्हें हटाने की साजिश रची क्योंकि वह ‘चमचा’ नहीं हो सकते हैं। उनके बिना, पार्टी राज्य में सत्ता में नहीं लौट सकती। केवल उनके भाजपा में लौटने पर पार्टी फिर से जीती। वही गलती क्यों दोहराएं?’’
बता दें कि लिंगायत नेता येदियुरप्पा को सुब्रमण्यम स्वामी का समर्थन मिला है। वहीं लिंगायत मठों के कई संतों ने भी मुख्यमंत्री को पद से हटाने की अटकलों के बीच उनका समर्थन करना शुरू कर दिया है।
नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें कुछ समय से चल रही हैं और इसे पिछले हफ्ते येदियुरप्पा के दिल्ली दौरे के बाद और बल मिला था। येदियुरप्पा ने हालांकि इन अटकलों को निराधार बताते हुए उन्हें सिरे से खारिज कर दिया है।