भाजपा सांसद सौमित्र खान ने रविवार (19 जनवरी, 2020) को उन सभी मशहूर हस्तियों को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ‘कुत्ता’ करार दिया जो नागरिकता संशोधन कानून, 2019 (CAA) का विरोध कर रहे हैं। लोकसभा चुनावों से पहले 2019 में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए खान ने संवाददाताओं से कहा कि संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के बारे में तथ्यों को जानने के बावजूद प्रख्यात लोग अपना विरोध जारी रखे हुए हैं।
लोकसभा में बिष्णुपुर सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले खान ने कहा, ‘जो लोग ऐसा कर रहे हैं वे ममता बनर्जी के कुत्ते हैं।’ उन्होंने कहा कि यही लोग कामदूनी और पार्क स्ट्रीट में हुए सामूहिक बलात्कार पर चुप रहे और बम विस्फोट की घटनाओं पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।
संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी के विरोध में राज्य के अभिनेताओं, निर्देशकों और संगीतकारों ने रैलियों में हिस्सा लिया था। सीएए और एनआरसी के खिलाफ एक वीडियो में भी वे एक साथ दिखे और कहा कि केंद्र सरकार अगर नागरिकता पर फिर से सबूत मांगती है तो वे कोई दस्तावेज नहीं दिखाएंगे।
बता दें कि पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शनिवार को कहा था, ‘इन दिनों पश्चिम बंगाल में कई बुद्धिजीवी हैं जो लोगों को दिन भर ज्ञान देते हैं और हंगामा करते हैं। माकपा ने इन लोगों को सड़कों पर लाकर बुद्धिजीवी बनाया और अब दीदीमोनी (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) ने उन्हें पैदा करने की फैक्टरी लगा ली है।’ दरअसल साहित्य अकादेमी पुरस्कार विजेता सुबोध सरकार ने कहा था, ‘यह भाजपा की वास्तविक भाषा है। अब लोगों को निर्णय करना है।’
दिलीप घोष ने इससे पहले रविवार को कहा कि सरकार प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी पूरे देश में लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेश के एक करोड़ बांग्लादेशी मुसलमानों को वापस भेजेंगे। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए घोष ने कहा जो लोग संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं वह बंगाली विरोधी हैं और भारत के विचार के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में एक करोड़ अवैध मुस्लिम सरकार के दो रुपए प्रति किलो चावल योजना का लाभ ले रहे हैं। घोष ने ऐलान किया, ‘हमलोग उन्हें वापस भेजेंगे।’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘ये अवैध बांग्लादेशी मुस्लिम पूरे प्रदेश में आगजनी में शामिल हैं।’ भाजपा नेता ने कहा कि धार्मिक उत्पीड़न के बाद जीवन बचाने के लिए यहां आने वाले हिंदू शरणार्थियों का समर्थन करने के लिए उन्हें अगर कोई सांप्रदायिक कहता है तो उन्हें इससे कोई परेशानी नहीं होगी।