किसान आंदोलन के दौरान 700 किसानों की मौत पर मुआवजा देने के सवाल पर केंद्र ने कहा है कि कृषि मंत्रालय के पास किसानों की मौत का आंकड़ा नहीं है। ऐसे में किसान परिवारों को मुआवजा देने का सवाल ही नहीं बनता। ऐसे में अब यह मामला चर्चा का केंद्र बन गया है। संसद से लेकर सड़क तक, इस पर गहमा गहमी देखने को मिल रही है, टीवी डिबेट में भी इस विषय पर नेताओं के बीच तनातनी देखने को मिल रही है। बुधवार को समाचार चैनल टाइम्स नाउ नवभारत के डिबेट शो ‘लोगतंत्र’ में बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा और किसान नेता योगेंद्र के बीच जोरदार बहस हुई।
राकेश सिन्हा ने केंद्र सरकार का बचाव करते हुए कहा कि हर चीज की एक व्यवस्था होती है, हर काम कानून के दायरे में होता है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार इसके आंकड़े भेजेगी को केंद्र के पास इसके आंकड़े आएंगे, जो चीज केंद्र सरकार के पास है ही नहीं तो उसकी मांग की जा रही है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए राज्यसभा सांसद ने कहा कि आप गलत जगह सिर पटक रहे हैं जबकि सिर कहीं और पटकना चाहिए। उन्होंने लखबीर सिंह हत्याकांड और लालकिले पर झंडा फहराने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सभी तरह की घटना को किसानों का नाम नहीं दिया जाना चाहिए।
इसके जवाब में योगेंद्र यादव ने कहा कि अगर केंद्र सरकार यह कहना चाहती है कि जहां जो कुछ हुआ उसे राज्य सरकार देख ले, तो इस देश में केंद्र सरकार का क्या मतलब है। क्या किसान सिर्फ राज्यों के नागरिक थे या केंद्रों की भी जिम्मेवारी बनती है। उन्होंने कहा कि जब इस देश में बाढ़ आती है या तूफान आता है तो क्या केंद्र सरकार मदद नहीं करती है। योगेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों की स्थिति पर एक बार भी नहीं बोला और न ही मृत किसानों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया।
योगेंद्र यादव द्वारा प्रधानमंत्री को किसानों के प्रति असंवेदनशील बताने पर बीजेपी नेता राकेश सिन्हा नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि योगेंद्र जी आपको ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए जिससे लोग आप पर हंसे, प्रधानमंत्री की किसानों के प्रति संवेदनशीलता की कोई सीमा नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हर प्रयास किया ताकि किसानों की आय बढ़े, वह करोड़पति बने इसके लिए पीएम निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि साल 2014 में कौन सा चुनाव था जो सरकार ने किसान सम्मान योजना चलाई।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लोकसभा में सरकार से सवाल किया गया था कि जिन किसानों की मौत हुई है, उनके परिजनों को मुआवजा देने के लिए सरकार की तरफ से कोई प्रस्ताव तैयार किया गया है या नहीं। इस सवाल पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बुधवार को एक लिखित उत्तर में संसद को बताया कि सरकार के पास किसानों की मौतों का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। ऐसे में उन्हें मुआवजा दिए जाने या फिर इस संबंध में कोई सवाल ही नहीं उठता है।