क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक पिछले 3 महीने से जेल में बंद हैं। उन्हें नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत हिरासत में रखा गया है। इसको चुनौती देने वाली याचिका को 7 जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है। इस बीच एक संसदीय पैनल के सदस्यों ने उनकी गिरफ्तारी पर दुख जताया है। इसी पैनल ने हाल ही में एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें सोनम के लद्दाख संस्थान के काम को बेहतरीन बताया गया था।
शिक्षा, महिला, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति के कई सदस्यों ने जुलाई में हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के तहत ऑटोनॉमस बॉडीज़ की समीक्षा के हिस्से के रूप में हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) का दौरा किया था। इस पैनल में 31 सदस्य हैं जो सत्ताधारी और विपक्षी दोनों पार्टियों के हैं। इसकी अध्यक्षता कांग्रेस राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह कर रहे हैं। उन्होंने सिफारिश की कि HIAL को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) की मान्यता दी जाए।
दिग्विजय सिंह ने सरकार को घेरा
लद्दाख में हाउस पैनल द्वारा देखी गई जगहों में से एक स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) था। उनकी गिरफ्तारी से पहले, गृह मंत्रालय ने उसका FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया था। 8 दिसंबर को संसद में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में स्थायी समिति ने कहा कि वह HIAL में शैक्षणिक, अनुसंधान और उद्यमिता इकोसिस्टम से प्रभावित थे। समिति ने यह भी स्वीकार किया कि HIAL ने स्थानीय समुदाय पर जबरदस्त प्रभाव डाला है। दिग्विजय सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह सोनम वांगचुक के काम से प्रभावित थे और इसलिए उन्हें लगा कि स्थायी समिति के लिए इसे व्यक्तिगत रूप से देखना एक अच्छा विचार होगा। दिग्विजय सिंह ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें यही इनाम मिला। उन्होंने कहा, “वांगचुक निष्पक्ष हैं, वह बिल्कुल भी पक्षपाती नहीं हैं। नरेंद्र मोदी को उनका बहुत आभारी होना चाहिए क्योंकि उन्होंने वस्तुतः NEP 2020 को अक्षरशः लागू किया है।”
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोनम वांगचुक की पहलों का उल्लेख किया, जैसे कि कक्षा 10 और 12 पास करने में असफल रहे छात्रों के लिए एक स्कूल, और ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्र की पानी की कमी की समस्याओं को दूर करने के लिए बर्फ के स्तूपों का निर्माण। दिग्विजय सिंह ने कहा, “सोनम एक ऐसे इंसान हैं जिन्होंने नरेंद्र मोदी के ‘विश्व स्तर पर सोचो और स्थानीय स्तर पर काम करो’ मैसेज पर सच में काम किया है। आम शिक्षा क्यों? उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया है? उन्होंने क्या किया है?”
NCP (SP) सांसद भी सोनम के पक्ष में
महाराष्ट्र के वर्धा से NCP (SP) के सांसद अमर काले (जो स्टैंडिंग कमेटी के हिस्से के तौर पर HIAL गए थे) ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह बहुत अच्छा अनुभव था। उन्होंने उन छात्रों के साथ किए गए काम का भी ज़िक्र किया जो क्लास 10 या 12 पास नहीं कर पाए हैं, जहां टीचर उनकी प्रतिभा के आधार पर उन्हें आगे बढ़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा HIAL की खेती, खेल और पानी बचाने की पहल के बारे में भी बताया। अमर काले ने कहा कि कठिन मौसम में सोनम ने काम करना सीखा है और उनका काम बहुत ही बढ़िया था।
सांसद अमर काले ने कहा कि उन्हें SEMCOL समेत पूरे कैंपस का दौरा कराया गया और वांगचुक और उनकी पत्नी और HIAL की को-फाउंडर गीतांजलि अंगमो, ने हमें उनके काम के बारे में बताया। अमर काले ने कहा, “जब उन्हें गिरफ्तार किया गया तो बुरा लगा। इतना अच्छा काम करने वाले आदमी को जेल में डाल दिया गया।”
बीजेपी सांसद ने वांगचुक के काम की तारीफ की
एक राज्यसभा सदस्य और बीजेपी सांसद, जो HIAL का दौरा करने वाले ग्रुप का हिस्सा थे और अपना नाम नहीं बताना चाहते थे, उन्होंने भी इस संस्थान को एक अच्छी पहल बताया। बीजेपी सांसद ने कहा, “सोनम उन छात्रों की मदद करते हैं जो फेल हो गए हैं। उन्हें आत्मविश्वास बनाने में मदद करते हैं। सोनम वांगचुक के जो राजनीतिक विचार हैं, उनसे हमारी कोई सहमति नहीं है, लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में उनका काम, वैकल्पिक शिक्षा, प्राकृतिक माहौल में सीखना, यह प्रयास अच्छा है।”
अपनी रिपोर्ट में स्थायी समिति ने कहा कि वह इस बात से चिंतित है कि UGC ने अभी तक HIAL को मान्यता नहीं दी है, और यह मामला सालों से लंबित है। इसे मान्यता देने की सिफारिश करते हुए पैनल ने कहा कि HIAL का काम NEP 2020 के कार्यान्वयन में अनुकरणीय है, जो इस तरह की अनुभवात्मक और प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षा, सामुदायिक जुड़ाव और भारतीय ज्ञान प्रणालियों के एकीकरण की बात करता है।
रिपोर्ट में क्या कहा गया?
रिपोर्ट में कहा गया है, “समिति UGC और विभाग को HIAL मॉडल का बारीकी से अध्ययन करने और यह विचार करने के लिए प्रोत्साहित करती है कि इसे कहीं और कैसे दोहराया जा सकता है।” अंगमो ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्होंने सबसे पहले 2021 में UGC में मान्यता के लिए आवेदन किया था। फिर 2022 में उन्होंने (UGC) सिफारिश की कि हम ‘विशिष्ट’ श्रेणी के तहत आवेदन करें लेकिन हम बस इंतजार कर रहे हैं।
UGC की मान्यता मिलने से HIAL वर्तमान की तरह केवल फेलोशिप देने के बजाय अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कार्यक्रम पेश कर सकेगा और डिग्रियां प्रदान कर सकेगा। आंगमो ने कहा, “हमारे बहुत से स्टूडेंट्स एंटरप्रेन्योर बनने आते हैं और उन्हें डिग्री या सर्टिफिकेट में कोई दिलचस्पी नहीं है। लेकिन हम लगभग 40%-50% स्टूडेंट्स को खो देते हैं क्योंकि उनमें से कुछ को डिग्री भी चाहिए।”
अभी HIAL 11 महीने की फेलोशिप देता है और इस साल की शुरुआत में इसके पास लगभग 100 स्टूडेंट्स थे। आंगमो ने कहा, “पढ़ाने का तरीका यह है कि स्टूडेंट्स करके सीखते हैं। संस्थान का निर्माण भी टीचिंग-लर्निंग प्रोसेस का एक हिस्सा है।”
धर्मेंद्र प्रधान ने सोनम से की थी मुलाकात
मार्च 2023 में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सोनम वांगचुक और आंगमो से मिले और उनके साथ एक फोटो ट्वीट करते हुए कहा, “शिक्षा को बदलने, एक्सपेरिमेंटल लर्निंग को बढ़ावा देने, इनोवेशन और सस्टेनेबल डेवलपमेंट की संस्कृति विकसित करने के लिए उनके जुनून, विचारों और लगन की सराहना करता हूं।”
उसके एक महीने बाद वांगचुक और आंगमो 21वीं सदी के लिए उच्च शिक्षा की नई सोच पर UGC की एक ऑनलाइन लेक्चर सीरीज़ का हिस्सा थे। तब UGC के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने लेक्चर का परिचय दिया। वांगचुक को 26 सितंबर को लेह से गिरफ्तार किया गया था और उन पर NSA लगाया गया। केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने उन पर कुछ दिन पहले लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने का आरोप लगाया था। पढ़ें क्या सोनम वांगचुक के हैं पाकिस्तान से संबंध?
