किसानों के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी लगातार सक्रिय नजर आ रहे हैं। आए दिन वो किसानों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद करते रहते हैं। सोमवार को उन्होंने लखीमपुर और पीलीभीत की सीमा पर किसानों के साथ उनकी समस्याओं पर चर्चा की। इसको लेकर उन्होंने कहा कि जनता का दर्द समझने के लिए उनकी बातों को सुनना आवश्यक है।

अपने ट्वीट में वरुण गांधी ने इस वार्ता की फोटो शेयर करते हुए लिखा, “लखीमपुर और पीलीभीत की सीमा पर किसानों के बीच फसलों की बढ़ती लागत, उचित कीमत या एमएसपी ना मिलना, देश में कमर-तोड़ महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। जनता की पीड़ा को समझने के लिए बोलने से ज़्यादा उनकी बात सुनना ज़रूरी है।”

बता दें कि वरुण गांधी लगातार किसानों की मांगों का समर्थन करते आ रहे हैं। इससे पहले 29 अक्टूबर को उन्होंने एक मंडी में जाकर हालात का जायजा लिया था। इस दौरान मंडी के कर्मचारियों से उन्होंने कहा था कि “पीलीभीत समेत 17 जिलों में किसान अपनी धान की फसल में खुद ही आग लगा रहा है। यह पूरे यूपी के लिए बेहद शर्म का विषय है।” उन्होंने कहा था कि अगर किसानों के प्रति कोई भ्रष्टाचार हो रहा है तो मैं सरकार के सामने हाथ-पैर नहीं जोड़ूगा, सीधे कोर्ट जाऊंगा और सभी दोषियों को गिरफ्तार करवाऊंगा।”

वहीं केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों को समर्थन देते हुए वरुण गांधी ने इससे पहले कहा था, “जब तक एमएसपी की वैधानिक गारंटी नहीं होगी, ऐसे ही मंडियों में किसानों का शोषण होता रहेगा। इस पर सख़्त से सख़्त कार्यवाही होनी चाहिए।” बता दें कि वरुण गांधी इससे पहले लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में भी सरकार पर सवाल उठे चुके हैं। उन्होंने आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कही थी।

गौरतलब है कि दिल्ली सीमा पर तीन कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान अब अपनी मुहिम तेज करने की तैयारी में हैं। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि 26 नवंबर तक समय है, 27 नवंबर से हम आंदोलन स्थल को और मजबूत करेंगे।