कर्नाटक में अजीब सी घटना सामने आई है, जहां ग्रामीणों ने अपने ही क्षेत्र के दलित सांसद को गांव में आने की अनुमति नहीं दी। मामला प्रदेश के चित्रदुर्ग संसदीय क्षेत्र का है, जहां के भाजपा सांसद ए नारायणस्वामी को दूसरी जाति का होने के चलते अपने निर्वाचन क्षेत्र के एक गांव में जाने नहीं दिया गया। नारायणस्वामी एक फार्मा कंपनी के डॉक्टरों और अधिकारियों के एक समूह के साथ क्षेत्र के दौरे पर निकले थे। बताया जाता है कि घटना सोमवार (16 सितंबर, 2019) को टुमकुर जिले के पवागडा तालुका में घटी।
एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक नारायणस्वामी को गोला समुदाय द्वारा अपमानित किया गया। वह गोलारहट्टी (एक स्थान जहां गोला समुदाय के लोग निवास करते हैं।) में जाने की कोशिश कर रहे थे। इंडिया टुडे में छपी खबर के अनुसार गोला समुदाय के लोगों ने उन्हें अछूत तक बता डाला। इस दौरान कुछ लोगों ने भाजपा सांसद से कहा कि वह गांव से बाहर चले जाएं क्योंकि वह दलित है और गोलारहट्टी में निचली जाति या दलित समुदाय के सदस्यों को आने की अनुमति नहीं है। नारायणस्वामी दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं जबकि गोला समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में आता है।
खबर के मुताबिक गोला समुदाय के लोगों ने सांसद के गांव में आने पर कहा कि कोई भी दलित समुदाय का सदस्य कभी उनके गांव में नहीं आया और आगे उन्हें इसकी अनुमति भी नहीं है। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक के बाद नारायणस्वामी अपनी कार में बैठकर चले गए। इसी बीच पुलिस ने मामले में जांच के आदेश देने की बात कही है।
एसपी ने बताया कि अभी तक यह साफ नहीं है कि भाजपा सांसद को किसने गांव में जाने से रोका। उन्होंने कहा, ‘हम लोगों की तलाश कर रहे हैं। मैंने इंस्पेक्टर को जांच करने और रिपोर्ट सौंपने को कहा है। हमें सिर्फ इतना पता चला है कि उन्हें गांव के कुछ लोगों द्वारा भीतर जाने से रोका गया।’
वहीं कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री सीएन अश्वत्थ नारायण ने घटना की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा, ‘अगर सांसद को गांव में जाने से रोका गया है तो मैं इसकी आलोचना करता हूं। मामले में कार्रवाई की जानी चाहिए। हम सब समान है इसलिए कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। हम एक ही मांस और खून के हैं।’

