भाजपा से लोकसभा सदस्य नाना पटोले ने किसानों की ऋण माफी योजना के कार्यान्वयन में विलंब को लेकर पार्टी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की है। भंडारा गोंदिया सीट से सांसद पटोले ने कहा कि ऋण माफी की घोषणा के बावजूद किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं, जबकि सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर ‘‘असंवेदनशील’’ है। पटोले का कहना है कि मैं जानना चाहूंगा कि एक महीने पहले प्रदेश सरकार की ओर से ऋण माफी की घोषणा के बाद क्या हाल-फिलहाल में किसानों की आत्महत्या के मामलों में कमी आई है? इसका साफ मतलब है कि ऋण माफी योजना में कई समस्याएं हैं और इसे सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है।

राज्य भाजपा कार्यकारिणी की कल हुई बैठक में किसानों का मुद्दा प्रमुखता से उठाये जाने की पृष्ठभूमि में सांसद ने आज यह बयान दिया है। पटोले ने कहा, ‘‘भाजपा नेतृत्व वाली राज्य सरकार सच में किसानों की समस्याओं के प्रति असंवदनशील है इसलिए किसानों के बीच झुंझलाहट बढ़ रही है। कई किसान इसलिए आत्महत्या कर रहे हैं क्योंकि उन्हें सरकार पर विश्वास नहीं रहा कि वह उनके लिए कुछ कर सकती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री (देवेन्द्र फडणवीस) ने ऋण माफी को ऐतिहासिक इसलिए बताया था क्योंकि इसकी अनुमानित लागत 34,000 करोड़ रुपए है। इस फैसले की घोषणा एक महीने पहले हुई और अभी भी अधिकारी तथा बैंक आंकड़े एकत्र करने, और प्रक्रिया पूरी करने में लगे हैं।’’