बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को यानी आज पटना और इसके आसपास के इलाकों में भारी बारिश के चलते हुए नुकसान की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। बैठक में संबंधित अधिकारियों के अलावा विभिन्न मंत्री भी मौजूद रहेंगे मगर पटना के विधायकों और सांसदों को निमंत्रण नहीं मिला। खबर है कि सरकार के इस निर्णय से पाटलिपुत्र से भाजपा सांसद रामकृपाल यादव खासे नाराज है। उन्होंने कहा कि समीक्षा बैठक में विधायकों और सांसदों को नहीं बुलाना दुख की बात की है। उन्होंने कहा, ‘हमें मीडिया के जरिए ही जानकारी मिली है कि जलजमाव पर सीएम समीक्षा बैठक कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाया जाना इसलिए भी चिंता का विषय हैं क्योंकि जनता जनप्रतिनिधियों को ही गाली देती है। इसलिए हमें उम्मीद है कि सीएम जल्द जनप्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेंगे।’
इसी बीच बांकीपुर से भाजपा विधायक नितिन नवीन ने सीएम नीतीश की बैठक पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हमें उम्मीद थी कि बैठक के लिए जरूर बुलाया जाएगा, मगर निमंत्रण नहीं मिलना दुख की बात है। उन्होंने कहा, ‘जनता की गाली विधायक और सांसद सुनते हैं। जमीनी स्तर पर जनप्रतिनिधि ही होते हैं, फिर भी हमारी सलाह नहीं ली जा रही है। यह चौंकाने वाली बात है।’ भाजपा के ही अन्य विधायक संजीव चौरसिया ने सीएम इस बैठक पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि जलजमाव को लेकर जनता में जो गुस्सा है उसे जनप्रतिनिधियों को ही झेलना पड़ता है। बैठक में विधायकों की भी सलाह लेनी जरूरी थी।
उल्लेखनीय है कि पटना शहर में जलजमाव से पीड़ित लोगों ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के राजेंद्रनगर स्थित आवास का रविवार को घेराव किया। 27 सितंबर से 29 सितंबर तक लगातार हुई भारी बारिश के कारण हुए जलजमाव के बाद 30 सितंबर को सुशील और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को एसडीआरएफ की टीम ने उनके राजेंद्रनगर स्थित आवास से सुरक्षित निकाला था। पटना के विभिन्न इलाकों के जलमग्न होने के इतने दिन बाद जलजमाव से राहत नहीं मिलने से गुस्साए लोगों ने सुशील के आवास के समक्ष प्रदर्शन किया और हाथों में तख्तियां लेकर उनके खिलाफ नारेबाजी की तथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। भाषा (इनपुट)
