भारतीय जनता पार्टी के सांसद सतीश कुमार गौतम ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी के उप कुलपति तारिक मंसूर को पत्र लिखा है। सांसद ने अपने पत्र में मांग की है कि वह अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को यूनीवर्सिटी में आरक्षण दें। जोधपुर मेें मीडिया से बातचीत करते हुए अलीगढ़ के सांसद ने कहा,”अन्य केन्द्रीय विश्वविद्यालयों की तरह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को भी दलितों और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को आरक्षण देना चाहिए। हमारी पार्टी सबका साथ, सबका विकास में यकीन रखती है। इसीलिए मैंने उप कुलपति को पत्र लिखा है।” सांसद सतीश गौतम ने कहा कि एएमयू में आरक्षण का मसला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है लेकिन यूनीवर्सिटी को तब तक आरक्षण जरूर देना चाहिए जब तक ये मामला न्यायालय में चल रहा है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अल्पसंख्यक संस्थानों जैसे एएमयू और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एससी/एसटी और पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आरक्षण की वकालत कर चुके हैं।
There is reservation in every university. Why is there no reservation for SC-ST in Aligarh Muslim University? Why should those students be deprived of good education. I have been demanding this since 2014 & will ensure that this happens: Aligarh MP Satish Gautam pic.twitter.com/4A1dXB4CcN
— ANI UP (@ANINewsUP) July 3, 2018
इसी बीच, आगरा से सांसद और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी के अधिकारियों से मंगलवार (3 जुलाई) को मुलाकात की है। ये मुलाकात एएमयू में पिछड़ों और एससी/एसटी वर्ग के विद्यार्थियों को आरक्षण देने के लिए बुलाई गई थी। इस पूरे मामले पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग के प्रभारी सदस्य प्रोफेसर शफी क़िदवई ने कहा,”एएमयू की दाखिले की नीति का मामला इस वक्त सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। हमारे यहां एससी/एसटी और पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण का कोई नियम नहीं है। हम इस मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करेंगे।”
हालांकि समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील साजन ने भाजपा पर एएमयू में आरक्षण के मुद्दे की राजनीति करने का आरोप लगाया है। साजन ने मीडिया से बातचीत में कहा,”भाजपा को चार साल बीतने के बाद एससी/एसटी और पिछड़े वर्ग के आरक्षण के महत्व की याद क्यों आई है? ये सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने की कवायद है क्योंकि चुनाव पास हैं। सरकार के खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ रहा है क्योंकि उन्होंने जनता का कोई भी वायदा पूरा नहीं किया है।”

