दिल्ली विधानसभा के शेष बजट सत्र से सस्पेंड किए गए भाजपा विधायकों ने हाईकोर्ट का रुख किया है और सस्पेंशन के फैसले को चुनौती दी है। मामले को चीफ जस्टिस के सामने अरजेंट सुनवाई के लिए रखा गया है। पिछले हफ्ते उपराज्यपाल के अभिभाषण में कथित तौर पर बाधा डालने के आरोप में सात भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया गया था।

क्या था मामला?

बीजेपी के विधायकों पर आरोप था कि गुरुवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान कई बार वह हंगामा करते दिखाई दिए थे। बीजेपी विधायक दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और इस दौरान उपराज्यपाल का अभिभाषण जारी था। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने उपराज्यपाल के अभिभाषण में खलल का मामला विशेषाधिकार समिति को भी भेज दिया था।

किस आधार पर हुआ सस्पेंशन

पीटीआई भाषा के मुताबिक आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दिलीप पांडे ने इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग को लेकर सदन में प्रस्ताव रखा था जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया था। पांडे ने प्रस्ताव रखते हुए कहा था कि विपक्षी सदस्यों ने योजनाबद्ध तरीके से उपराज्यपाल के अभिभाषण को बाधित किया, जिससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंची थी।

उन्होंने नियम पुस्तिका पढ़ते हुए कहा कि विपक्षी सदस्यों के आचरण से सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। विधानसभाध्यक्ष गोयल ने पांडे के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया था। समिति की रिपोर्ट आने तक नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी को छोड़कर भाजपा के सात सदस्यों को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया।