Muzaffarnagar Riots Case News: उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने बीजेपी विधायक विक्रम सैनी समेत 12 लोगों को 2013 के दंगों में सजा सुनाई है। सभी को दो साल के सश्रम कारावास के साथ 10 लाख रुपये का जुर्माना भी भरना होगा। अदालत में इन सभी के खिलाफ लंबे समय से केस चल रहा था। सुनवाई के बाद सभी को दोषी करार दिया गया।

इस मामले में 15 अन्य आरोपी सबूतों के अभाव में बरी कर दिए गए हैं। हालांकि सजा तीन साल से कम होने की वजह से भाजपा नेता विक्रम सैनी को अदालत से जमानत भी मिल गई। जिले के कवाल गांव में 27 अगस्त 2013 को ममेरे भाई गौरव और सचिन का मर्डर कर दिया गया था। इसके ठीक अगले दिन वहां पर दंगा भड़क गया। भारी बवाल, आगजनी और लूटपाट के दौरान पुलिस को हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी। इससे वहां तनाव और बढ़ गया। मामले में जानसठ पुलिस स्टेशन के तत्कालीन इंचार्ज शैलेंद्र कुमार ने भाजपा नेता विक्रम सैनी समेत 27 लोगों पर गंभीर धाराओं में नामजद मुकदमा दर्ज किया था। यह दंगा इतना बड़ा था कि शांति व्यवस्था के लिए वहां सेना को बुलाया गया। कई दिनों तक हालात बेकाबू रहे।

दरअसल 27 अगस्त 2013 को जानसठ थाना क्षेत्र के गांव कवाल में शाहनवाज की हत्या के बाद मलिकपुरा निवासी ममेरे भाईयों सचिन और गौरव की हत्या कर दी गई थी। जिससे गांव में तनाव फैल गया था। 28 अगस्त को सचिन और गौरव की अंत्येष्टि से लोटते लोगों ने कवाल में मारपीट और तोड़ फोड़ की थी। जिसके बाद कवाल में दोनों समुदाय के लोगों के बीच बहस हो गई थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जबकि 15 लोग मौके से फरार हो गये।

पुलिस ने खतौली से भाजपा के मौजूदा विधायक विक्रम सैनी को बलकटी के साथ पकड़ा था। इसके अलावा आरोपित धर्मवीर और सलेकचंद को बल्लम, रविन्द्र को फरसा और नूर मोहम्मद को तलवार के साथ तथा रोहताश, सोनू, दीपक, प्रवीण को डंडे आदि के साथ पकड़ा था। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में फारूख पर रायल से फायरिंग करना दिखाया था। कुल 24 लोगों को नामजद किया गया था।