महाराष्ट्र में ऐसा लगता है कि भाजपा और शिंदे सेना में सब सही नहीं है। एक बीजेपी विधायक ने गुरुवार को सहयोगी शिवसेना के एक विधायक पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि 2022 में पार्टी टूटने के दौरान उद्धव ठाकरे गुट छोड़कर एकनाथ शिंदे गुट में जाने के लिए उस विधायक ने कथित रूप से पैसे लिए थे। भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) तीनो महायुति गठबंधन के तहत राज्य में सत्ता में हैं।

बीजेपी MLA का बड़ा आरोप

हिंगोली विधानसभा सीट से भाजपा विधायक तानाजी मुटकुले ने आरोप लगाया कि हिंगोली जिले की कलमनुरी सीट से शिवसेना विधायक संतोष बांगर ने 2022 में पाला बदलने के लिए 50 करोड़ रुपये लिए थे। हालांकि संतोष बांगर ने इस आरोप पर कोई जवाब नहीं दिया है। तानाजी मुटकुले ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि संतोष बांगर ने पहले लोगों से ठाकरे से दूरी न बनाने का आग्रह किया था, लेकिन रातोंरात उन्होंने अपना रुख बदल दिया।

शिवसेना विधायक हमारे सहयोगी नहीं- बीजेपी एमएलए

तानाजी मुटकुले ने आरोप लगाते हुए कहा, “ऐसी चर्चाएं है कि उन्होंने पार्टी बदलने के लिए 50 करोड़ रुपये स्वीकार किए। मुझे यकीन है कि ये चर्चाएं सच होंगी क्योंकि वह बिना पैसे के कोई काम नहीं करते।” जब यह पूछा गया कि वह महायुति के सहयोगी विधायक के खिलाफ आरोप क्यों लगा रहे हैं तो तानाजी मुटकुले ने कहा कि संतोष बांगर उनके सहयोगी नहीं हैं और ना ही कभी होंगे, क्योंकि वे अलग-अलग विचारधाराओं के हैं।

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जून 2022 में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ लगभग 40 विधायकों के साथ विद्रोह का नेतृत्व किया था। राजनीतिक संकट के दौरान “50 खोके, एकदम ठीक” (50 करोड़ रुपये, सब ठीक) का नारा खूब चला, जिसका मतलब है कि हरेक विधायक को पाला बदलने के लिए 50 करोड़ रुपये मिले।

पिछले हफ्ते शिवसेना के अधिकांश मंत्रियों ने राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले भाजपा द्वारा शिवसेना नेताओं और कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर अपने पाले में करने के विरोध में मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में आयोजित साप्ताहिक कैबिनेट बैठक में भाग नहीं लिया था।